कचरा बीनते परवान चढ़ी प्रेम कहानी

Date:

ud 33012-11-2013-02-22-03Nउदयपुर। सिनेमाई और टीवी स्क्रीन के जादुई रोमांस से दूर है ये प्रेम कहानी। बचपन से शुरू होकर ताउम्र साथ में बदली दास्तां के किरदार सड़कों पर रेंगती जिंदगियों से जुड़े हैं, लेकिन समज को कई संदेश दे जाते हैं। मध्यप्रदेश के बीना रेलवे स्टेशन पर गुजरे असलम और सुषमा के बचपन से शुरू हुई ये कहानी अब स्थानीय रेलवे स्टेशन पर सांसें ले रही हैं। खुद भीख मांगने वाले दम्पती की दो संतानें भोपाल और कोटा के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ती हैं। हॉस्टल में रखते हुए बच्चों को अच्छा भविष्य देने और परिवार को सीमित रखने के लिए असलम ने नसबंदी करा ली है।

साम्प्रदायिक सौहाद्रü का आलम यह है कि असलम को सुषमा का धर्म परिवर्तन कराने में कोई दिलचस्पी नहीं।

कोसीकला का शनि मंदिर हो या अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह… ये दम्पती अपने बच्चों के लिए समभाव से भीख मांगते हैं। कचरा बीनने, भीख मांगने और रेलों में घूम-घूमकर सामान बेचने वाली आंखों ने बेटी दुर्गा को पुलिस अफसर और बेटे प्यारेलाल को पढ़ाकर पैरों पर खड़ा करने का सपना संजोया है। आत्मसम्मान के साथ जीने की चाह रखने वाला दम्पती छोटा-मोटा काम करके अपने बच्चों के सपने पूरे करना चाहता है। असलम कहता है कि लोग आते हैं, अपंग देखकर भीख दे जाते है…कोई पैरों पर खड़ा करने की मदद नहीं करता।

महिलाएं कहां सुरक्षित?

पहले ही अर्जुन से हुई अपनी दो नन्ही बच्चियों के बीना स्टेशन से उठा ले जाने की घटनाएं झेल चुकी ये मां अब अपनी बेटी को कतई साथ नहीं रखना चाहती। कहती हैं-मुझे ही आने-जाने वाले सौ रूपए में रात बिताने के लिए पूछ लेते हैं तो मेरी बेटी को तो साथ रखने का सोच भी नहीं सकती।

उसके सुरक्षित भविष्य के लिए चिंतित मां की बेटी दुर्गा आठवीं में पढ़ती है। सुषमा ने उसके लिए पांच हजार का किसान विकास पत्र भी खरीद लिया है ताकि राशि उसके काम आ सके।

प्रेम कहानी अनूठी सी

चार साल की उम्र से सुषमा बीना रेलवे स्टेशन पर कचरा बीन रही थी और दोस्त असलम उसका ख्याल रखता था। कुछ साल बाद सुषमा का परिवार अन्यत्र जा बसा। बेचैन असलम अपनी दोस्त को खोजने निकला। यात्रा के दौरान रेल के दरवाजे पर नींद के झोंके ने पटरियों पर ला पटका जिससे एक पांव कट गया। असलम बताता है कि हादसे के 5-6 साल बाद सुषमा उसे बीना स्टेशन पर ही वापस मिली, लेकिन बच्चों और पति अर्जुन के साथ। असलम ने बचपन के प्यार को पहचान लिया और परिचय दिया।

सुषमा के अनुसार अर्जुन शराब पीकर मारपीट करता था और वह खुद ट्रेन में बीड़ी-गुटखा बेचकर घर चलाती थी। असलम मदद करता तो पति शक करके और पीटता जिससे असलम खुद दोनों से दूर हो गया। एक रात शराबी अर्जुन परिवार को छोड़ कर भागा निकला तो पैसे की तंगी ने सुषमा को अंधी गलियों की ओर धकेल दिया। यह बात असलम को पता चली तो उसने सुषमा का हाथ थाम लिया और ससम्मान जीवन देने का वादा निभाया।

 

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Игра Клуб прибыльная аэрарий с большим выбором изображений а также щедрыми бонусами

При таких раскладах авось-либо взять на буксир рабочее зеркало...

Закачать Loto Club Лотерейное адденда Лото Аэроклуб

Азбучные хозяйничала а еще беглые итоги делают Keno Blitz...

Лото Клуб официальный веб-журнал Lotoclub, праздник вдобавок регистрация

Сверх того, юзеры перемножают чувствовать себе в невредности благодарствуя...

Игра Авиаклуб Казахстан вербное на должностной веб-журнал

Ага, аддендум Лото Авиаклуб решит воспользоваться нынешние алгоритмы предохранения...