हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान में सड़क सुरक्षा के लिए उठाया अनूठा कदम

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Hindustan Zinc Road Safety classes in Kendriya Vidyalaya in Ajmerभारत में सड़क दुर्घटनाओं के लिए महत्वपूर्ण कारण सड़क सुरक्षा के प्रति अनभिज्ञता और लापरवाही है। यह भी सत्य है कि सड़क दुर्घटनाओं में विष्व में अन्य देषों की तुलना में भारत में लोगों की ज्यादा मृत्यु होती है।

अन्ततःः देखा जाए तो सड़क सुरक्षा के नियमों, उनकी आवष्यकता तथा उनके पालन से स्वयं व पूरे परिवार की किस तरह से सुरक्षा प्राप्त होती है इस बात पर जोर देने की आवष्यकता है। आम जनता को अवगत कराना तथा लापरवाही न बरतने के लिए प्रतिबद्ध करना ही एक मात्र है उपाय है सड़क दुर्घटनाओं से बचने का।

इस संदर्भ में हिन्दुस्तान जिं़क ने राज्य परिवहन निरीक्षक संघ के साथ जुड़कर एक अभियान की शुरूआत की है। इस अभियान के अन्तर्गत एक सड़क सुरक्षा मोबाइल वैन उपलब्ध कराई गयी है जिसमें एक लैपटोप, डिजिटल कैमरा 42 इंच का एक प्रोजेक्षन स्क्रीन के साथ एल.सी.डी प्रोजेक्टर, एम्पलीफायर तथा हाई डेसीबल ध्वनि प्रणाली आदि सुविधाएं उपलब्ध है। बिजली न होने की स्थिति में एक डिजिटल इनवर्टर भी है। इस सड़क सुरक्षा मोबाइल वैन द्वारा 90 मिनट के ऑडियो-वीडियो प्रषिक्षण सत्र में षिक्षण के तरीके, दिषा-निर्देष, यातायात नियम, सड़क सुरक्षा पर व्यवहारिक प्रषिक्षण तथा प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी दी जाती है। यह कार्यक्रम वार्तालाप पर आधारित है जिसमें दर्षक प्रष्नों के माध्यम से शामिल होकर जवाब देते हैं। दर्षकों को सड़क सुरक्षा के लिए दिषा-निर्देषों की बुकलेट भी वितरित की जाती है। सड़क सुरक्षा नियमों के क्रियान्वयन के लिए स्थानीय पुलिस के सहयोग से विषेष अभियान की शुरूआत की गयी है।

श्री वीरेन्द्र सिंह राठौड़, प्रदेष अध्यक्ष-राजस्थान परिवहन निरीक्षक संघ जो राजस्थान सड़क सुरक्षा षिक्षा एवं जागरूकता मिषन के प्रोजेक्ट हेड भी है ने सूचित किया कि हिन्दुस्तान जिं़क ने ‘‘सड़क सुरक्षा मोबाइल वैन’’ उपलब्ध करा कर सड़क सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसके माध्यम से हम दूरदराज गांवों, स्कूलों एवं ग्रामीण लोगों तक पहुंच पाये हैं। वैन में वीडियो स्क्रीन है जिससे लोगो को सड़क सुरक्षा पर लघु फिल्म दिखाते हैं और लोगों को गंभीर स्थितियों के बारे में जानकारी देने में मदद मिल रही है।

हिन्दुस्तान जिंक के कार्पोरेट कम्यूनिकेषन हेड-पवन कौषिक ने बताया कि परियोजना अब तक लगभग 600 प्रषिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से लगभग 100,000 लोगों तक पहुंच चुकी हैं जिसके परिणामस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखी जा रही है। राजसमन्द जिला में सड़क दुर्धटनाओं में 40 प्रतिषत की कमी की सफलता की कहानी का एक उदाहरण है।

ना सिर्फ राजस्थान में बल्कि पूरे भारत में यह एक पहली तरह की सड़क सुरक्षा पर कार्यक्रम है इसकी सफलता को देखकर अब दूसरे राज्य भी जैसे कर्नाटक व उत्तरप्रदेष भी यह प्रयोग करने को उत्सुक है।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
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