33rd MMFAA Logoग्रोवर को हकीम खाँ सूर, अनु आगा पन्नाधाय, प्रो. स्मिथ जेम्स टॉड,
पियुष पाण्डे हल्दीघाटी व पयांग महाराणा उदयसिंह सम्मान से होंगे अलंकृत
उदयपुर, महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के इस वर्ष होने वाले 33वें वार्षिक अलंकरण समारोह के अवसर पर लन्दन स्थित केम्ब्रिज युनिवरसिटी में संस्कृत अध्यापन से शुरूआत करने वाले प्रो. जॉन डी. स्मिथ, विज्ञापनों से सामाजिक क्रान्ति लाने वाले पियुष पाण्डे, मानवाधिकारों के लिए लडऩे वाली जानी मानी अधिवक्ता वृन्दा ग्रोवर, फोरेस्ट मेन ऑफ आसाम के नाम से मशहूर पद्मश्री जादव मुलाय पयांग, थर्मेक्स लि. से सेवानिवृत्ता समाजसेवी पद्मश्री अनु आगा को महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन के अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के अलंकरणों से सम्मानित किया जाएगा।
फाउण्डेशन के वर्ष 2015 के अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय अलंकरणों की आज यहाँ घोषणा करते हुए वार्षिक अलंकरण समारोह के संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि अलंकरण समारोह आगामी 22 मार्च, 2015, रविवार को सायं 4.00 बजे सिटी पैलेस उदयपुर के माणक चौक प्रांगण में आयोजित होगा, जिसमें ये अलंकरण फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह जी मेवाड़ प्रदान करेंगे तथा समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रकवि बालकवि बैरागी द्वारा की जावेगी।

पियुष पाण्डे
पियुष पाण्डे
प्रो. जॉन डी. स्मिथ
प्रो. जॉन डी. स्मिथ
अलंकरण समारोह के संयोजक डॉ. गुप्ता ने बताया कि भारत के प्रति सार्वभौम सम्पादित स्थायी मूल्यों की सेवाओं के उपलक्ष्य में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष दिया जाने वाला कर्नल जेम्स टॉड अलंकरण प्रो. जॉन डी. स्मिथ को राजस्थान और विशेषत: मेवाड़ की फड़ चित्रकारी पर शोध एवं अनुवाद का लेखन कर अनेक पुस्तकों के माध्यम से भारतीय एवं विदेशी शोधकर्ताओं को नई दिशा प्रदान की। इस अलंकरण के तहत 111001/- की राशि, तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किए जाएंगे।
वर्ष 1996 में स्थापित इस अलंकरण से अब तक मार्क टुली, सर वी. एस. नॉयपॉल, डॉ. चितरंजन एस. राणावत, लुईजी जॉन्जी, एम.एम. कै, सुप्रसिद्ध अभिनेता-निर्माता एवं निर्देशक लार्ड रिचर्ड एटनबरो, अब्बास सादडीवाला, रूडोल्फ दम्पत्ति, सर नून, एन्ड्रयु टॉप्सफिल्ड, मिंजा यांग आदि विभूतियों को सम्मानित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि विज्ञापन कम्पनी ओगिल्वी एण्ड मेदर के दक्षिण एशिया के कार्यकारी अध्यक्ष एवं रचनात्मक निदेशक पियुष पाण्डे को अपने रचनात्मक एवं विज्ञापन की विशेष प्रणाली के लिए जाना जाता है। श्री पाण्डे के रचनात्मक अभियानों में प्रमुखत: चलो पढ़ाएँ, कुछ कर दिखाएँ, बेल बजाओ, आकांक्षा, केन्सर पीडि़तों की सहायता के लिए धूम्रपान निषेध आदि है। सामाजिक चेतना जगाने वाले अनेक विज्ञापनों के माध्यम से अलख जगाने वाले श्री पाण्डे को राष्ट्रीय स्तर का हल्दीघाटी अलंकरण प्रदान किया जाएगा।
पद्मश्री अनु आगा
पद्मश्री अनु आगा
 पद्मश्री जादव मुलाय पयांग
पद्मश्री जादव मुलाय पयांग
 वृन्दा ग्रोवर
वृन्दा ग्रोवर
वर्ष 1982 में स्थापित हल्दीघाटी सम्मान से अब तक कर्पूर चन्द्र कुलिश, विनोद दुआ, प्रणव रॉय, मृणाल पाण्डे, एम.जे. अकबर, कुलदीप नैयर, धर्मवीर भारती, बरखा दत्ता एवं मुम्बई के स्वतन्त्र पत्रकार मुजफ्फर हुसैन, इण्डियन एक्सप्रेस के कार्यकारी सम्पादक शेखर गुप्ता, राजदीप सरदेसाई, आलोक मेहता, प्रबलप्रताप सिंह, तवलीन सिंह, वेद प्रताप वैदिक, संजीव श्रीवास्तव, हरिन्दर बावेजा, गुलाब कोठारी, अरनाब गोस्वामी सहित अनेक मीडियाकर्मी सम्मानित हो चुके हैं।
संयोजक गुप्ता ने बताया कि साम्प्रदायिक सद्भाव, देशप्रेम एवं राष्ट्रीय एकता और अखण्डता के क्षेत्र में स्थायी सेवाओं के लिये दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का हकीम खाँ सूर अलंकरण इस बार मानवाधिकारों के लिए लडऩे वाली जानी मानी प्रख्यात अधिवक्ता एवं समाजसेविका श्रीमती वृन्दा ग्रोवर को प्रदान किया जा रहा है।
संयोजक गुप्ता के अनुसार पर्यावरण संरक्षण-संवद्र्धन के क्षेत्र में की गई स्थाई मूल्य की सेवाओं के लिए महाराणा उदयसिंह अलंकरण इस वर्ष देश के फोरेस्ट मेन ऑफ दी आसाम के नाम से मशहूर पर्यावरणप्रेमी पद्मश्री जादव मुलाय पयांग को प्रदान किया जावेगा। जिन्होंने सरकारी उदासीनता को नजरअन्दाज करते हुए स्वयं के अथक प्रयासों से आसाम के अरुणाचापोरी क्षेत्र को जंगल बना दिया जिसे सरकार ने इस वन क्षेत्र को मुलाय फोरेस्ट के नाम से घोषित कर दिया।
अपने निर्धारित दायित्व की सीमा से ऊपर उठकर किये गये कार्य के लिये दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का पन्नाधाय अलंकरण विषम परिस्थितियों में आगे बढक़र कार्य करने वाली पद्मश्री अनु आगा को सामाजिक सेवा के प्रति किए गए कार्यों हेतु प्रदान किया जाएगा।
वर्ष 1997 में स्थापित इस अलंकरण से अब तक प्रो. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, किरण बेदी एवं श्रीमती अरूणा रॉय, करमबीर सिंह कांग, आमटे दम्पत्ति, कैप्टन सौंधी सहित 16 विभूतियां सम्मानित हो चुकी हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर दिये जाने वाले उक्त चारों अलंकरणों के तहत प्रत्येक विभूति को 51001 रु. नकद, तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किए जाएंगे। फाउण्डेशन के अलंकरण समारोह के संयोजक ने बताया कि इन सभी विभूतियों ने फाउण्डेशन की ओर से उन्हें प्रदत्त अलंकरण ग्रहण करने के लिए आगामी 22 मार्च को उदयपुर आने की सहमति प्रदान कर दी है।

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Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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