6823_92उदयपुर। शहर में हादसों के बाद एंबुलेंस नहीं पहुंच रही है। शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ जब दंपति हादसे में घायल हो गया, लेकिन दो बार फोन करने के बावजूद पौन घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। फिर निजी अस्पताल की एम्बुलेंस बुलानी पड़ी।

गायरियावास में संतोष नगर निवासी आजाद जैन ने बताया कि वे पति सुशील जैन के साथ बाजार से घर की ओर जा रही थीं। सुशील स्कूटी चला रहे थे। दंपति पुलिस लाइन फाटक के पास पहुंचा ही था कि पीछे से आ रही स्कूटी ने टक्कर मार दी। हादसे में दंपति घायल हो गया। सुशील बेहोश होकर गिर गए थे।

पत्नी ने खुद को संभाला और मौके पर इकट्ठे हुए लोगों से बेटे और परिचित मदन छाजेड़ को फोन करवाया, जो कुछ ही देर में आ पहुंचे। इन्होंने 108 एम्बुलेंस को फोन किया। बीस मिनट इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई तो दोबारा फोन किया। मदन ने बताया कि दोनों ही बार शहर, जिला, तहसील सहित कई सवाल किए गए, लेकिन मौके पर कोई नहीं आया। पौन घंटे तक इंतजार के बाद निजी अस्पताल में फोन कर एंबुलेंस बुलाई।

पंद्रह दिन पहले टेम्पो से अस्पताल पहुंचे थे घायल

एक नवंबर को देबारी स्थित जिंक चौराहा पर ट्रोला, टेम्पो और बस की टक्कर हो गई थी। हादसे में बस पलट गई थी। इससे कई सवारियां घायल हो गई थीं। इन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन किया गया।

काफी देर एंबुलेंस के नहीं आने पर पुलिस ने सवारियों को टेम्पो से अस्पताल पहुंचाया था। सवारियों को अस्पताल पहुंचाने के बाद रास्ता खोलने के लिए पुलिस ने क्रेन बुलाकर बस खड़ी करा दी, इसके बाद 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची थी। तब तक वहां उसकी जरूरत खत्म हो चुकी थी।

॥गाडिय़ों का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है। शहर में अभी तीन 108 एम्बुलेंस ही ऑन रोड हैं। इनमें से दो के हॉर्न और सायरन खराब हैं। ऐसे में गाडिय़ां मौके पर देर से पहुंचती हैं। अफसरों को इस संबंध में कहा गया है, लेकिन वे सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं। ऐसे में हम भी किसी हादसे का कॉल आने पर मामले के अनुसार ही जवाब देते हैं।

आजम, जिला अध्यक्ष 108 एम्बुलेंस

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