पोस्ट न्यूज़. इन दिनों पुलिस विभाग में तबादलों की बाढ़ आई हुई है। एक तरफ जहां सभी खाकी वर्दीधारी अपनी नई जगह पर शुभ मुहूर्त देखकर नियुक्ति ले रहे हैं वहीं जिले का एक ऐसा थाना है जहां के दरोगा जी के तबादले से ग्रामीण काफी आहत है । और हो भी क्यों नही ? दरोगा जी ने आखिर काम ही ऐसा किया है जिस वजह से इस गांव की आबोहवा में अपराध का नामो निशान काफी हद तक मिट गया। जीहां हम बात कर रहे है उस दबंग दरोगा ‘‘राजेन्द्र कुमार गोदारा’’ की जिसने जिले के कानोड़ कस्बे में रहते हुए कई अपराधियों को सींखचों के पीछे ही नहीं डाला,,,, बल्कि कईयों को सुधारने में भी महत्ती भुमिका निभाई है और यही वजह है कि कानोड़ की जनता के दिलों पर राजेंद्र ने राज किया है, जिनके विदा होने से यहां के रहवासी काफी दुःखी भी है और नए दरोगा जी से भी इसी तरह की अपेक्षा की उम्मीद भी रखते है। आपको बता दे करीब 22 माह पहले राजेन्द्र कुमार गोदारा ने कानोड़ थाने में दरोगा की कुर्सी संभाली थी। उस समय कानोड़ में सालों से चला आ रहा सट्टा कारोबार काफी फलफुल गया था। गली – कूंचों, होटलों – रेस्टोरेंटो और छोटे – छोटे ढाबों तक में इस अवैध कारोबार ने अपनी ऐसी जड़े जमाई जिसे खत्म करना काफी मुष्किल हो गया था। लेकिन श्री गोदारा ने अपने बुद्धिचातुर्य से पूरे थाने को पहले तो 30 भागों में बांटा और सभी बीट अधिकारियों और मुखबीर की मदद से हर उस जगह पंहुचे जहां पर यह गंदा कारोबार बरगद के पेड़ का रूप लेे चुका था। उसी दिन दरोगा जी ने इस कारोबार पर ऐसा तेजाब डाला की। कम ही समय में पूरे के पूरे कस्बे में सट्टे का कारोबार तो किया ‘‘दूआ, तीरी व मिण्डी’’ वाला खेल भी पूरी तरह से बंद हो गया। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन परिवारों को हुआ जिनके युवा इस गंदे कारोबार में पूरी तरह डूब चुके थे और ब्याजमाफियाओं का काफी कर्जा भी परिवारों पर चढ़ गया था। जिनको उतारते उतारते कई परिवारों की माली हालत काफी दयनीय हो गई थी। वहीं सट्टा बादषाहों ने भी मिमयानी बिल्ली बनकर कारोबार को हमेषा – हमेषा की लिए भुलना ही उचित समझा। सिर्फ इसी वजह से पति – पत्नी के झगड़े, मां बेटे के झगड़े और चोरियों पर सबसे ज्यादा कमी आई। इतना ही नहीं राजेन्द्र कुमार गोदारा के काल में सबसे ज्यादा स्थाई वारंटियों की गिरफ्तारी हुई। सालों पुरानी रंजिषों को भी थाने में ही समझाईस कर निबटाने में गोदारा काफी सफल हुए है। अवैध शराब के कारोबार पर भी पूरी तरह से रोक लग गई। कुल मिलाकर कानोड़ में होने वाले अपराधों का ग्राफ इन दो सालों में जितना कम हुआ, उतना तो आज तक के इतिहास में नहीं हुआ होगा। यही वजह है कि अरसे से अपराधियों से परेशान कानोड़वासी अपराध मुक्त कस्बा करने वाले दरोगा जी की विदाई पर काफी परेषान दिखाई दिए।

अमूमन खाकी का खौफ अपराधियों से ज्यादा फरियादियों में देखा जाता है। लेकिन कानोड़ के दरोगा जी ने खाकी की इस छाप को बदल कर, पीड़ितों के दिलों पर ऐसा राज किया जो कोई भी कभी भुल नहीं सकता। ऐसे निर्भीक और दबंग दरोगा से जब बात की तो श्री गोदारा ने पूरा श्रेय जिला पुलिस कप्तान राजेन्द्र प्रसाद गोयल और हल्के के डिप्टी घनष्याम शर्मा को देते हुए कहा कि उनके दिशा निर्देष पर ही अपराधों पर काबू पाने में सफलता मिली है। साथ ही कानोड़ की जनता का काफी आभार भी जताया।

Previous articleमोहनलाल सुखाड़िया युनिवर्सिटी छात्रसंघ में पनपा विवाद, महासचिव और संयुक्त सचिव ने अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप, भवानी बोले गलत हुआ तो खुद करूंगा खर्च का वहन
Next articleSeize the moment so the moment doesn’t seize you!  Homoeopathy for epilepsy -Dr. Kajal Verma

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here