मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया

उदयपुर । मज़रूह सुलतान पूरी के इस शेर को सार्थक किया सोशल मिडिया एक्सपर्ट ज़हीर अब्बास ने। दो साल पहले एक अच्छी और नेक सोच के साथ ज़हीर अब्बास ने फेसबुक ग्रुप “उदयपुरवाले” शुरू किया था, बिना किसी निजी फायदे के सिर्फ लोगों की आपस में जोड़ने और सहायता के लिए उदयपुर वाले की शुरू आत की गयी थी। अच्छी नियत से शुरू किया गया यह ग्रुप कुछ ही दिनों में उदयपुर वालों के बिच मशहूर होना शुरू हो गया। ज़हीर की सोच थी कि हर आम आदमी के पास कई एसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ होती है जो दूसरों के काम आ सकती लेकिन हर आदमी की पहुच शहर के अन्य लोगों तक नहीं होती है यही नहीं कई बार लोगों को कुछ जरूरतें होती है, जिसके लिए लोग इधर उधर भटकते है,

ज़हीर अब्बास , उदयपुरवाले के संस्थापक

अगर ऐसा कोई प्लेटफोर्म हो जहाँ पर आम शहरी अपनी जरूरत अपनी समस्या साझा करे तो उसका उसको फायदा हर एक को मिल सकता है। यही सोच ने उदयपुरवाले को बड़ा बना दिया। ज़हीर अब्बास ने खुद से शुरू किया ग्रुप आज 70 हज़ार से ज्यादा लोगों का ग्रुप बन चुका है, यहाँ हर रोज़ लोगों की कई समस्याओं का समाधान होता है। यही नहीं कई बार तो किसी दुर्घटना की जानकारी और खून की जरूरत पड़ने पर तुरंत लोगों को सहायता भी मिल जाती है। यहाँ पर लोग अपनी छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी समस्याओं को साझा करते है और मिनटों में उसका समाधान भी मिल जाता है। इस ग्रुप में शहर के हर तबके के लोग जुड़े हुए है। बिना भेदभाव के यह ग्रुप आपसी सोहार्द की भी एक मिसाल बना हुआ है जहाँ बिना भेदभाव बिना जात पात के हर जरूरतमंद की मदद हो जाती है। यहाँ ना कोई अमीर है ना गरीब ना कोई बड़ा है ना छोटा। कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी है जो इस ग्रुप से जुड़े हुए है और इसको बराबर फोलो करते है जहाँ पर लगता है कि कसी को उनकी जरूरत है तो वे अपना यहाँ योगदान देने से भी नहीं चुकते।
इस ग्रुप को सफलता से चलाने का श्रेय ज़हीर की उम्दा सोच को जाता है। उनकी नज़र उदयपुर वाले में होने वाली हर पोस्ट पर रहती है। यहाँ कोई भड़काऊ पोस्ट कोई धार्मिक पोस्ट या एसी कोई पोस्ट नहीं मिल सकती जो किसी की भावना को आहात करे। हर वक़्त नज़र में रहने के कारण कभी कोई एसी पोस्ट या कमेन्ट कर भी देता है तो उसको तुरंत हटा दिया जाता है साथ ही पोस्ट करने वाले को भी ब्लोक कर दिया जाता है। हर जुड़ने वाले की पूरी प्रोफाइल चेक कर ग्रुप में जोड़ा जाता है। आम लोगों के लिए यह हर वक़्त खुला है लेकिन अपना विज्ञापन करने वालों के लिए एक दिन फिक्स किया गया है। ज़हीर ने इस ग्रुप में रहने और इसमे पोस्ट डालने के कुछ नियम बना रखे है जो हर उदयपुरवाले को फोलो करने पड़ते है।
दो साल में अब यह ग्रुप शहर के हर खासो आम के दिल में विश्वास और अपनी ख़ास जगह बना चुका है। विशेष सोच के चलते ज़हीर अब्बास ने बताया कि दो साल का जश्न उदयपुर वाले मना रहा है जिसमे कई तरह की प्रतियोगिताएं रखी गयी है। ज़हीर बताते है कि इस प्रतियोगिता के लिए प्रायोजक और लाखों के इनाम देने वाले खुद आगे चल कर आये है उदयपुर वाले को प्रमोट करने।

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