MLSU के कुलपति और रजिस्ट्रार का फूल एक्शन ड्रामा जारी है। गुरुजन पढ़ाना भूल कर षड्यंत्रों और गुटबाजी में ज्ञान और ध्यान लगा रहे है।

Date:

कुलपति और रजिस्ट्रार का फ़ाइल फोटो

उदयपुर। संभाग का सबसे बड़ा शिक्षण संस्थान सुखाडिया विश्वविद्यालय जो कि राजस्थान में उच्च शिक्षण संस्थानों में चोथे नंबर पर आता है। लेकिन इन दिनों इस उच्च शिक्षण संस्थान यानी मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय में पढ़ाई स्तर पर प्रशासनीक और घोटाले के स्तर पर यहाँ के जिम्मेदारों ने भट्टा बैठाने पर तुले हुए है। सबसे बात करते है ताजा ताजा विवाद की जो विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. जेपी शर्मा और रजिस्ट्रार हिम्मत सिंह भाटी की। दोनों में आपस में विवाद २०१८ से शुरू हुआ जो नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती को लेकर शुरू हुआ था। अब इस विवाद का बड़ा रूप यह सामने आया कि सारे नियम कायदों को ताक पर रख कर वीसी जे पी शर्मा ने सर्वे सर्वा बन कर रजिस्ट्रार हिम्मत सिंह भाटी को कार्य मुक्त कर दिया। सिर्फ कार्य मुक्त ही नहीं उनके बदले रजिस्ट्रार का कार्यभार एक प्रोफ़ेसर जी सोरल को दिया गया है। उस प्रोफ़ेसर ने कार्यभार संभाल भी लिया।
वीसी के इस एक्शन ड्रामा पर सवाल तो उठाने ही थे और उठ भी रहे है। सबसे पहले तो आज तक एसा कभी सुना नहीं हो कि एक आर ए एस अफसर जो की एक सरकारी नोकर है उसको एक वीसी कार्यमुक्त कर दे। क्यूँ की जहाँ तक हमारी और अन्य शिक्षाविदों की जानकारी तो यही तक है कि एक सरकारी अफसर को सिर्फ सरकार ही कार्यमुक्त या रिलीव कर सकती है किसी यूनिवर्सिटी का वीसी नहीं। नए नियम आये हो तो इसका हमे ज्ञान नहीं। संभागीय आयुक्त विकास भाले का भी यही कहना है कि हिम्मत सिंह भाति सरकारी अधिकारी है और कही हटाने और लगाने का अधिकार सिर्फ सरकार ही कर सकती है।
अब एक नज़र ज़रा इस पर भी डालते है कि आखिर एसा कोनसा काँटा चुभा कि वीसी को रजिस्ट्रार को हटाना पड़ा। दरसल मामला २०१८ की फर्जी भारतियों से जुदा है। नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती हुई और उस भर्ती में गड़बड़ झाला हो गया। विवाद भी हुआ क्यूँ कि भारतियों के जिम्मेदार वीसी साहब है और इसमें गड़बड़ियों की जांच करने की जिम्मेदारी सोंपी रजिस्ट्रार को तो ज़ाहिर सी बात है विवाद होना ही है। लेकिन विवाद इस स्थिति तक पहुच जाएगा किसी ने सोचा नहीं था और वीसी साहब सर्वे सर्वा बनकर इस तरह का निर्णय लेंगे ये भी अजीब है। यही नहीं समाचार पत्रों के माध्यम से अगर माने तो वीसी जे पी शर्मा ने शिक्षकों के संगठन सुटा (सुखाड़िया विवि टीचर्स एसोसिएशन) के कुछ शिक्षकों के ज्ञापन को आधार मान कर यह निर्णय लिया। खास बात यह है कि कुलपति ने जिस सुटा की शिकायत के बाद आदेश जारी किया है उस संगठन को सुविवि खुद अवैध मान चुका है। सुविवि ने 28 अप्रैल 2018 काे समाचार पत्रों में एक विज्ञापन जारी कर कहा था कि सुटा (सुखाड़िया विवि टीचर्स एसोसिएशन) के नाम से कोई भी संगठन वैधानिक रूप से मान्य नहीं है। यदि इस नाम से कोई सूचना समाचार पत्रों या अन्य कहीं दी जाती है तो विवि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।
अब अगर राजस्थान के इतने बड़े संस्थान में इस तरह का निर्णय लिया जाएगा तो सवाल उठाने लाज़मी है और उठाने भी चाहिए। इसमें कही न कही रजिस्ट्रार को कार्यमुक्त करने वाली कारवाई पर शक भी जाता है। खैर सरकार इस पर क्या निर्णय लेगी ये आगे पता चलेगा लेकिन यह तो तय है कि यह लड़ाई सिर्फ यही रुकने वाली नहीं है। शिक्षा के इस बड़े मंदिर में षड्यंत्रों का बोलबाला है गुरुजन पढ़ाई को छोड़ गुटबाजी और विवाद जैसे सारे कामों को अंजाम देने में लगे हुए है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Промокод Мелбет 2025: Премия до 25 000 при регистрации Актуальные Коды NEWBONS21 и NEWPLAY21

Когда беттор во время регистрирования на веб сайте Melbet...

Как найти легальный сайт Мостбет в Казахстане: советы

Как найти легальный сайт Мостбет в Казахстане: советыВ связи...

Aviator Online Oyunu Resmi Casino Sitesi

Aviator Oyna ️ Aviator Oyunu Gerçek Pra Türkiye'de 2025ContentAviator...

Скачать Мелбет официальный журнал для скачивания употребления

Объединение маневренного употребления Melbet в видах Дроид заключается в...