आसिफा रेप केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। साथ ही साथ हर आदमी, सेलेब्रिटी और बच्चियां भी आरोपियों को कठोर सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। इस केस में 8 साल की बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में सोमवार को दो अदालतों में सुनवाई हुई।

जम्मू की जिला अदालत में आठ में से सात आरोपियों को पेश किया गया। इस मामले में जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच की स्पेशल इंवेशटिगेशन टीम (SIT) में शामिल इकलौती महिला श्वेताम्बरी शर्मा ने मीडिया को बताया कि इस केस को सॉल्व करने के लिए उनके सामने कई कठिनाइयां आईं, कई बार उन्हें परेशान किया गया और लोकल के लोगों ने केस छोड़ने के लिए मजबूर भी किया।

केस छोड़ने के लिए किया मजबूर…

– श्वेताम्बरी शर्मा ने बताया कि लड़की के रेप और हत्या करने के बाद टीम को जिन लोगों पर शक था उन्होंने और उनके रिलेटिव्स ने कई बार जांच में अड़चनें पैदा कीं।

– साथ ही साथ कई बार उन पर और टीम पर गलत आरोप लगाए और कई बार अलग-अलग तरीके से हमें केस छोड़ने के लिए मजबूर किया।

– श्वेताम्बरी के मुताबिक उनके लिए वो सबसे मुश्किल समय था जब उन्हें पता चला था कि पुलिस ने ही मामले को दबाने के लिए पैसे लिए थे।

– आगे बताया कि उन पर काफी बार जातिगत दबाव भी बनाया गया कि जिस बच्ची का मर्डर हुआ है वो मुस्लिम थी और अधिकतर आरोपी ब्राहम्ण थे। उनसे कहा गया कि वे भी ब्राहम्ण हैं और उन्हें आरोपियों को सामने नहीं लाना चाहिए।

– जब विरोधियों की सारी कोशिशें नाकाम रहीं तो वे लोग डंडे लेकर रोड पर आ गए। रैलियां निकालने लगे और तरह-तरह से धमकाने लगे, लेकिन उन्होंने हिम्मत रखी और आरोपियों को उनके मुकाम तक पहुंचाया।

कौन हैं श्वेताम्बरी शर्मा

– 2012 में श्वेताम्बरी ने पुलिस ज्वाइन की थी। माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी और जम्मू विश्वविद्यालय से स्टडी की और साथ में मैनेजमेंट की भी पढ़ाई की।

– पुलिस में आने के बाद भी उन्होंने अपनी स्टडी जारी रखी और PHD की।

रातों की नींद उड़ गई थी

– श्वेताम्बरी ने कहा कि केस के समय उनकी रातों की नींद उड़ गई थी लेकिन इस केस की नवरात्र में जांच शुरू की तो मां दुर्गा ने हमारी केस सॉल्व करने में हेल्प की।

– आगे बताया कि केस सॉल्व करने और मामले की तह तक जाने के लिए मैं कई रातों तक नहीं सोई।

– मैं अपने बच्चों और फैमिली को बिल्कुल भी समय नहीं दे पाई। बेटे के एग्जाम चल रहे थे लेकिन उनको पढ़ाने तक का मेरे पास समय नहीं था।

– लेकिन मुझे खुशी है कि किसी न किसी तरह हम और हमारी टीम ने इस केस को सॉल्व किया और आरोपियों को कोर्ट तक पहुंचाया।

देखिये विडियो 

 

क्या है मामला?

– पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, कठुआ जिले के रासना गांव में अल्पसंख्यक बकरवाल समुदाय की 8 साल की बच्ची से जनवरी में बंधक बनाकर कई दिनों तक गैंगरेप किया गया। बाद में उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।

– इस मामले में गांव के एक मंदिर के 60 साल के सेवादार सांझी राम समेत 8 लोग आरोपी हैं। इनमें एक (सांझी राम का भतीजा) नाबालिग है। सभी को गिरफ्तार किया जा चुका है।

– 10 अप्रैल को इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गई। तब वकीलों ने पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने से रोका। इसके बाद ही इस मामले ने तूल पकड़ा।

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