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उदयपुर . कश्मीर जैसी कड़ाके की ठंडक से लोग कंपकंपा उठे हैं। पारा लुढ़कता हुआ २.२  डिग्री पर पहुंच गया। इसके साथ सबसे कम न्यूनतम पारे का पिछले १० साल का रिकार्ड टूट गया।

बर्फीली हवाओं ने सुबह से शाम तक धूजणी छुड़ाई। सर्दी से बचने के लिए लोग सिर से पैर तक गर्म कपड़ों में लिपटे रहे।शरीर को धुजाने वाली ठंड का अलसुबह ही असर दिखा। सर्दी के का्रण सड़कों पर सैर करने वाले लोग कम नजर आए। नलों के बर्फीले पानी ने खून जमाने जैसे तेवर दिखाए। सड़क, घास और वाहनों पर ओस ही ओस नजर आई। धूप निकलने के बाद भी सर्दी ने पिंड नहीं छोड़ा। जगह-जगह लोग हीटर और अलाव जलाकर बैठे रहे। दोपहर में तेज धूप रही, पर गलन ने जमकर परेशान किया। हवा में घुली ठंडक सिहराती रही। शाम ढलते-ढलते ही सर्दी की रंगत फिर तेज हो गई।

यूं तो तेज सर्दी के बीच खिल रही धूप लोगों को राहत दे रही है, लेकिन धूप के बीच चल रही सर्द हवाएं धूप को बेअसर साबित करती नजर आ रही हैं। धूप के बीच भी लोगों को गलन का एहसास हो रहा है।

जनवरी में सबसे कम न्यूनतम तापमान 

– 20.1.2005 … 3.9

-09.1.2006 … 5.3

-14.1.2007 … 5.2

-24.1.2008 … 3.0

-02.1.2009 … 6.0

-07.1.2010 … 4.5

-10.1.2011 … 3.4

-21.1.2012 … 2.5

-08.1.2013 … 2.8

-13.1.2014 … 4.4

-20.12015  … 4.2

-22.1.2016 … 3.8 डि.से.

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