IMG_0578विश्व स्वास्थ्य संगठन ने १४ जून उन लाखों लोगों के लिए समर्पित किया है, जो रक्तदान कर दूसरों का जीवन बचाते हैं। रक्त की कुछ बूंदे किसी की जिंदगी बचा सकती है, इससे अधिक गर्व की बात क्या हो सकती है? प्रति वर्ष अस्पतालों में रक्त की बढ़ती आवश्यकता की पूर्ति ने रक्त दान को आवश्यक बना दिया है।
उदयपुर। वल्र्ड ब्लड डोनर-डे पर एमबी अस्पताल केे नर्सिंग स्टॉफ आज सुबह दस बजे एक रैली निकालकर लोगों में रक्तदान के लिए जागरूक होने का संदेश दिया। रैली एमबी अस्पताल में होते हुए चेटक सर्कल, कोट चौराहे से होती हुई पुन: एमबी अस्पताल में संपन्न हुई। वल्र्ड ब्लड डोनर-डे पर एमबी अस्पताल के ब्लड बैंक की शाखा के तहत समारोह आयोजित किया गया, जहां २०१३ में सबसे अधिक रक्तदान करने वाले सस्थानों का सम्मान किया गया। इनमेें प्रथम स्थान पर सिंगानिया यूनिवरसिटी, जिसने पूरे साल में १०६ यूनिट, दूसरे स्थान पर स्वर्णकार समाज, जिसने ९५ यूनिट सहित कई समाजों को सम्मानित किया गया। साथ ही बल्ड बंैक ने साल में २० से ज्याद बार रक्तदान करने वाले पांच लोगों को भी सम्मानित किया। बल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार वर्ष २०१३ से अब तक लगभग १५ हजार यूनिट का रक्तदान हुआ है।
IMG_0584सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता : एमबी अस्पताल के फिजिशियन डॉ. महेश दवे ने बताया कि गर्मी के मौसम में रक्तदान से कोई नुकसान नहीं है। लाल रक्त कणिकाओं का लाइफ स्पान 120 दिन का होता है, वे लगातार बनती ही रहती हैं। रक्तदान करना सेहत के लिए अच्छा है। इससे व्यक्ति फिट रहता है व रक्त बनने की प्रक्रिया पर भी कोई असर नहीं पड़ता है।
महिलाओं में जागरूकता की कमी : रक्तदान को लेकर महिलाओं की भगीदारी न के बराबर है। पुरूषों के मुकाबले यह अनुपात मात्र दस फीसदी है। इसका कारण महिलाओं में जागरूकता का अभाव कहें या डर, लेकिन एक अनुमान के अनुसार १५ से ४९ साल तक की ४२ फीसदी महिलाएं खून की कमी का शिकार है। अगर महिलाओं को जागरूक करके उनका उत्साह बढ़ाया जाए, तो उनकी भागीदारी में सुधार हो सकता है।
३५ दिन बाद इस्तेमाल नहीं: एक यूनिट खून को अधिकतम ३५ दिन तक फ्रीज कर रखा जा सकता है। इसके बाद ये खराब हो जाता है। लोग एक समय में ही अधिक यूनिट खून दान करते हैं। होना यह चाहिए कि हर माह कुछ अंतराल के बाद खून डोनेट किया जाए, ताकि सालभर दिक्कत पैदा न हो।
निगेटिव ग्रुप का स्टॉक नहीं : ब्लड बैंक में नेगेटिव ग्रुप का ब्लड स्टॉक में कम रखा जात है। आवश्यता पडऩे पर रक्तदाता को ऑन कॉल पर बुलाया जाता है। इसके पीछे की वजह है कि निगेटिव ग्रुपधारी कम लोग होते हैं।
फायदे
ञ्च रक्तदान से बढ़ती है स्फूर्ति, हृदय रोग की आशंका घटती है
ञ्च रक्तदान के तुरंत बाद ही नई लाल कोशिकाएं बनने से शरीर में स्फूर्ति पैदा होती है।
ञ्च रक्तदान करते रहने से हृदय रोग की आशंकाएं पांच प्रतिशत तक कम हो जाती हैं।
ञ्च रक्त द्वारा संक्रमित होने वाली बीमारियों की स्वत: जांच हो जाती है।
ञ्च आवश्यकता पडऩे पर डोनर कार्ड के बदले रक्तकोष से रक्त मिल जाता है।
ञ्च 5.1 यूनिट ब्लड से कई प्रकार के ब्लड कम्पोनेंट बनाकर कई मरीजों को जीवन दान दे सकते हैं।

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Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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