अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की गिरफ्त में एम.बी.सार्वजनिक चिकित्सालय

Date:

रिपोर्ट- रफीक एम्.पठान

रोगियों की परिजनों की हो रही पीटाई

डॉक्टर अस्पताल से ज्यादा घरो पर व्यस्त

रोगियों का हो रहा है आर्थिक शोषण

उदयपुर, २७ नव बर । जन कल्याण के उदेश्य से रियासत काल में निर्मित राजकीय महाराणा भूपाल सार्वजनिक चिकित्सालय इन दिनों प्रशासनिक उदासीनता के चलते भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं का केन्द्र बन गया है। यहां चिकित्सक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक रोगियों से उपचार के नाम पर लुट खसोट कर रहे है और विरोध करने पर उनकि पीटाई कर रहे है।

इस सार्वजनिक चिकि त्सालय को संभगा का सबसे बडा चिकित्सालय माना जाता है जहां संभाग के अतिरिक्त निकटवर्ती राज्य मध्यप्रदेश तथा गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों के रोगी भी उपचार के लिए आते है। पूर्व में यहां कभी कभी भ्रष्टाचार और रिश्वत कि खबर मिलती थी लेकिन विगत चार वर्षो से अचानक यहां कि कार्यशैली में बदलाव आ गया है। चिकित्सक अस्पताल कम बैठते है घर पर उपचार करने में उन्हें आर्थिक लाभ दिखता है। ’आउटडोर’ डयूटी के दौरान भी यहां के चिकित्सक ·को उनके आवास पर उपचार देते देखा जा सकता है। अधिकंश चिकित्सको ने अस्पताल परिसर में रहते हुए निजी ’प्रेक्टिस’ बढा कर अस्पताल का समीपवर्ती पॉश कोलोनियों में अपने आलीशान मकान खरीद लिए जिन्हें निजी चिकित्सालय का रूप दे दिया गया यहां भर्ती से लेकर ऑपरेशन तक कि सुविधा है। इन्होने स्वयं के आवास में ही मेडीकल स्टोर्स भी खोल दिए है जहां से दवाईयां खरीदना भी अनिवार्य है। दूसरे स्टोर्स कि दवाईयां लाने पर फेंक दी जाती है।

इन ’’निजी चिकित्सको ’’ तक मरीज को पहुंचाने का काम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लगा कर नर्सिंग कर्मी तक देखे जा सकते है। एक रोगी का संबंधित चिकित्सक को ’निजी अस्पताल’ पहुंचाने का इन्हें अच्छा कमीशन मिलता है। इसके अतिरिक्त नर्सिंग कर्मी भी इन निजी चिकित्सालयों में कार्य करते देखे गए है। इन नर्सिंग कर्मियों द्वारा रोगी के मस्तिष्क मे यह बिठा दी जाती है कि अस्पताल में उपचार से अच्छा है ’डाक्टर साहब’ के घर से उन्हें बताए अनुसार उपचार लेने से बीमारी जल्दी ठीक होगी। शहर कि बाहर से आने वाले रोगी तथा कथित ’दलालो’ के हाथों चढकर आर्थिक शोषण कि भेंट चढ जाते हे। इन ’दलालो’ का रेकेट अस्पताल के आपात इकाई से लेकर चिकित्सा कि गहन इकाइ तक फैला है जहां से किसी भी तरीके से रोगी को ’शिकार’ कि तरह फांस कर चिकित्सको घर पहुंचा दिया जाता है।

कुछ चिकित्सक स्वयं अपना विजिटिंग कार्ड थमा कर डयूटी समय में ही घर ले जाकर उपचार के बहाने भारी राशि वसूलते है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस चिकित्सालय में कार्यरत कई चिकित्सक ’’रियल स्टेट’’ व्यापार से भी जुडे हे। लेकिन इस ओर न तो भ्रष्टाचार विभाग का ध्यान गया ना ही आय कर विभाग का। इन विभागों द्वारा इस व्यवसाय से जुडे लोगों के विरूद्घ कार्यवाही न करना भी संदेह के घेरे में है। इधर बात बेबात रोगी के परिजनों से मारपीट एक सामान्य बात हो गई है। कभी रेजीडेन्ट चिकित्सक पीट देते है तो कभी होम गार्ड। पुलिस भी इन्हें संरक्षण देती है। रेजीडेन्ट अपने संगठित होने का अनुचित लाभ लेते है तो यहां नियुक्त होम गार्ड ’वर्दी’ के रौब में पैसा एंठने के चक्कर में यहां आने वाले रोगी के परिवरवालों कि बेवजह पीटाई कर देते हे।

एक माह में मारपीट कि दो घटना होने के उपरान्त भी अस्पताल प्रशासन इसे मामूली कहासुनी बताते हुए टाल रहा है। पूर्व में हुई मारपीट में पुलिस ने दबाव बना कर शिकायतकर्ता को समझौते के लिए बाध्य किया। शुक्ररवार को आर्थोपेडिक वार्ड में हुई इस घटना ने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया। अपनी बीमार मां के लिए भोजन ले जाते युवक को वार्ड में प्रवेश देने के बदले होमगार्ड ने १० रूपये मांगे। युवक के मना करने पर उससे हाथा पाई कि गई। बीच बचाव को आए पिता को पुलिस ओर होमगार्ड ने लातों-घूंसों से अपराधी कि तरह पीटा। यह सब सुन कर स्वयं सेवी रोगी महिला वार्ड के बाहर आकर विरोध व्यक्त करने लगी तो इन क्रूर लोगों ने बीमारी कि हालत में उस वृद्धा को वार्ड से धकेल कर बाहर कर दिया। इतना हंगामा मारपीट होने के उपरान्त भी अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मामूली कहासुनी हुई है। जो समझाईश के बाद शांत हो गई। अस्पताल अधीक्षक को निजी प्रेक्टिस के चलते इस संबंध में अपना व्यक्तव्य देने कि फुर्सत नहीं हे। कई बार फोन करने के उपरान्त भी उन्होंने फोन काट दिया। इधर पुलिस ने भी इतनी गंभीर घटना को सामान्य बताकर अपनी वर्दी को और भी दागदार कर दिया।

बहरहाल इस चिकित्सालय में और भी अनियमितताएं है लेकिन शिकायत करें तो किससे यहां सब तरफ रसूकदार जो फन फैलाए बेठे है उन्हें अपनी नौकरी का ·कोई खतरा नहीं है तो डरे क्यों। इस संबंध में जरूरत है एक संगठित जन आंदोलन कि। संगठित जन आंदोलन ही यहां कि कार्यशैली को बदलने में सक्षम होगा इसके लिए नौजवानों को ही पहल करनी होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Лучшие онлайн казино с крупными выигрышами в 2025 году

Лучшие онлайн казино для крупных выигрышей в 2025 годуОнлайн...

Лучшие Android Платформы Для Пользователей В 2025 Году

Лучшие Android платформы для пользователей в 2025 годуВ 2025...

Obtain to have Android & apple’s ios Play When, Anywhere

For years and years, containers, mats, and you will...

საუკეთესო რეალური შემოსავლის მქონე ვებ-კაზინოები პროფესიონალებისთვის 2025 წელს

თვითნებური დამატებითი ფუნქციები მხარს უჭერს ახალ გეიმპლეის და თქვენ...