आखिर बच्चा कोन ले गया ?

Date:

30 05 2013उदयपुर। बड़े अस्पताल से एक लावारिस बच्चा गायब हो गया है। इसका खुलासा आज सुबह तब हुआ, जब बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के निर्देश पर हाथीपोल पुलिस बच्चे को लेने के लिए पन्नाधाय अस्पताल की बाल यूनिट में पहुंची। पुलिस को अस्पताल स्टॉफ ने बताया कि बच्चा नहीं है, जबकि उक्त लावारिस बच्चे के संबंध में पन्नाधाय अस्पताल की अधीक्षक डॉ. राजरानी ने स्वयं पत्र लिखकर सीडब्ल्यूसी से दिशा-निर्देश मांगे थे। अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि आखिर बच्चा गया, तो गया कहां? ऐसे में अस्पताल से बच्चे चोरी होने की आशंका भी बढ़ गई है। खुफिया विभाग पहले ही सीडब्ल्यूसी के समक्ष अस्पताल से बच्चों के चोरी होने की आशंका जता चुका है।

पन्नाधाय अस्पताल की अधीक्षक डॉ. राजरानी ने सीडब्ल्यूसी को पत्र क्रमांक ७९६ लिखकर बताया कि १५ मई की रात साढ़े 12 बजे महेश आश्रम के पालना संचालक देवेंद्र अग्रवाल एक लावारिस बच्चे को लेकर आए, जिसको पन्नाधाय अस्पताल की बाल यूनिट में भर्ती किया गया है। इस बच्चे के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जाए। इस पर सीडब्ल्यूसी ने डॉ. राजरानी को पत्र लिखकर उक्त बच्चे की प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा ३१७ के तहत दर्ज कर बच्चे को भूपालपुरा स्थित मदर टेरेसा शिशुगृह को सौंपे जाने के निर्देश दिए, लेकिन तब से लेकर आज तक अस्पताल प्रशासन द्वारा पुलिस थाने में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।इस संबंध में जब सीडब्ल्यूसी का पत्र हाथीपोल थानाधिकारी को मिला, तो आज सुबह हाथीपोल पुलिस अस्पताल पहुंची और वहां के स्टॉफ से बच्चें की जानकारी मांगी तो उन्होंने बच्चा होने से ही इनकार कर दिया। वहां से बताया गया कि १५ मई की रात को एक लावारिस बच्ची जरूर आई थी। यहां पर कोई लावारिस बच्चा भर्ती नहीं किया गया।

सीडब्ल्यूसी के पास दो लेटर

सीडब्ल्यूसी को पन्नाधाय अस्पताल की अधीक्षक डॉ. राजरानी ने लिखकर बताया कि १५ मई की रात को साढ़े 12 बजे महेशाश्रम मां भवगती विकास संस्थान के देवेंद्र अग्रवाल ने एक नवजात शिशु को भर्ती कराया है, जिसका लिंग लड़का है। इस लड़के का रजिस्ट्रेशन करके अस्पताल की बी यूनिट में भर्ती किया गया है। इसी प्रकार महाराणा भूपाल अस्पताल की गहन चिकित्सा बाल यूनिट के प्रभारी डॉ. देवेंद्र सरीन ने सीडब्ल्यूसी को पत्र लिखकर बताया कि १६ मई की रात दस बजकर नौ मिनट पर महेशाश्रम के देवेेंद्र अग्रवाल द्वारा एक बच्ची लाई गई है, जिसका वजन एक किलो तीन सौ ग्राम है, जिसका रजिस्ट्रेशन ४१३० नंबर पर करके उसे भर्ती किया गया है।

बच्चा कहा है?

अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी सीडब्ल्यूसी को पत्र लिखकर अलग-अलग दिनांक पर अलग-अलग पत्र लिखकर लावारिस बच्ची और बच्चे की भर्ती की सूचना देते हैं और जब उस पर कार्रवाई शुरू होती है, तो अस्पताल से बताया जाता है कि अस्पताल में कोई बच्चा नहीं भर्ती किया गया था। सिर्फ बच्ची ही भर्ती की गई थी, यह घटनाक्रम शक को और गहराता है। आखिर बच्चा कहां गया? ये सवाल अब भी खड़ा है।

 

:हमारे यहां पर एक बच्ची ही भर्ती की गई है। सीडब्ल्यूसी को गलती से दो लेटर भेज दिए गए होंगे। शायद मिस प्रिंटिंग की वजह से यह चक्कर पड़ा होगा। रात साढ़े १२ बजे यह मामला हुआ था।

-पूनम पोसवाल, डिप्टी सुप्रीडेंट, पन्नाधाय चिकित्सालय

:मैंने अस्पताल में न तो बच्चे को भर्ती करवाया है और ना ही बच्ची को। हां १५ मई को एक बच्ची जरूर पालने में आई थी, जिसे पन्नाधाय अस्पताल ने अपने कब्जे में लेकर इलाज शुरू किया।

-देवेंद्र अग्रवाल, मां भगवती विकास संस्थान महेशाश्रम

:मामले का अनुसंधान किया जा रहा है।

– नंदराम भांदू, थानाधिकारी हाथीपोल

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Insect Stories Video game

PostsThat's where’s in which some thing start getting a...

Outil pour avec sans aucun mon lien hypertexte frais Candy Bars 2025 Pourrez un tantinet

ContentUrbangirl est abîmés, mais évite marché | mon lien...

Mr Bet Playing Review: Advertisements & Possibility Research

ContentPlayer’s detachment defer because of target change.Player's detachment is...

IGT Gaming 1 $ de dépôt book of ra Avec Appareil a Avec Gratuites

AiséMeilleurs salle de jeu quelque peu pour amuser a...