ग़ज़लों में खोए लेकसिटी वासी

Date:

उदयपुर आकाशवाणी केन्द्र उदयपुर द्वारा अपने पैंतालीसवें स्थापना दिवस के उपलक्ष में दिनांक १५ मार्च गुरूवार की शाम स्थानीय सुखाड़िया रंगमंच के सभागार में शाम-ए-ग़ज़ल का आयोजन जिसमें देश के ख्यातनाम ग़ज़ल गायकों ने अपनी सुरली आवाज़ में मशुहर शायरों के कलाम पेश कर ऐसा शमा बांधा कि लेकसीटीवासी स्वर लहरियों में खो गये। कार्यक्रम में ख्यातनाम ग़ज़ल गायक बंधु अहमद हुसैन मोहम्मद हुसैन- जयपुर, मुम्बई की अर्तराष्ट्रीय ग़ज़ल गायिका सीमा अनिल सहगल, और मुम्बई के घनश्याम वासवानी ने अपनी ग़ज़ले पेश की।

कार्यक्रम का शुभांरभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। उसके बाद ग़ज़ल कलाकारों का पुष्पों से स्वागत किया गया। स्वागत उद्बोधन में केन्द्र निदेशक माणिक आर्य ने ग़ज़ल गायकों का परिचय दिया। शाम-ए- ग़ज़ल का आगाज मुम्बई से आए ग़ज़ल गायक घनश्याम वासवानी ने किया, उन्होने डॉ. बशीर बद्र के कलाम – मोहब्बतो में दिखावे, की दोस्ती न मिला से शुरूआत की। उसके पश्चात उन्होने कैसर उल ज़ाफरी का कलाम – ख्यालों ख्वाब हुआ है कहॉ से लाऊॅ उसे, निदा फाजली का कलाम- उसके दुश्मन है बहुत आदमी अच्छा होगा, एवं अयाज झान्सवी का कलाम- बेबसी जुर्म है हौसला जुर्म है व दया शंकर नसीम का कलाम -जहां मुझसे दिल मेरा छिना गया है जहा पर मैं अकसर सताया गया हॅू पेश कर वाहवाही लूटी। मुम्बई की प्रसिद्ध ग़ज़ल गायिका सीमा अनिल सहगल ने अपनी सुरीली आवाज़ में पहले हैदराबाद के शायर मोईन हसन का कलाम- मरने की दुआएं क्यो मांगू जीने की तम्मना कौन करे ये दुनिया या वो दुनिया अब ख्वाहिश-ए- दुनिया कौन करे। उसके बाद उन्होंने ईशरत जाफ़री का कलाम – तितलियां खुश्बूए, रंग सब खा गई एक बला जंग पेश खुब दाद ली। उन्होनें गालिब कलाम- दिल ही तो है व फिराक गोरखपुरी का नगमा- शाम भी थी धुआं- धुआं हुश्न था उदास उदास दिल को कई कहानीयां याद सी आकर रह गई, गाकर सुनाया तो उपस्थिति जन स्वरलहरियों में खो गये ।

महफिल के अंत में जयपुर के प्रसिद्ध हुसैन बंधु – अहमद हुसैन मोहम्मद हुसैन ने पहले शली आसी का कलाम – हम फकीरों से जो चाहे दुआ ले जाये। फिर खुदा जाने, किधर हमको हवा ले जाये, व कतील राजस्थानी का कलाम- बोल रहा था कल वो मुझसे हाथ में मेरा हाथ लिये चलते रहेगे दुख सुख के हम सारे मौसम साथ लिये सुनाकर वातावरण को संगीतमय बना दिया। इसके अलावा बेकल उत्साही, शमीम जयपुरी , मिर्जा गालिब व तसनीम फारूकी के कलाम पेश किये। इनके साथ संगतकार सारंगी पर मोईनुद्दीन खान, तबले पर रशीद अहमद जयपुरी, आर.के.बोस, सितार पर अहमद खान, नरेश वैय्यर, हारमोनियम पर रहमान खान और क्लेरियोनेट – मीठालाल वर्मा ने बेहतर संगत दी।

कार्यक्रम का संचालन दीपक मेहता और गोपाल लखन ने किया। कार्यक्रम का संयोजन सैयद अब्दुल वासे ने किया। अंत में निदेशक (अभियात्रिंकी) सतीश देपाल ने सभी का आभार जताया।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Beste Online Casinos Ostmark 2025 unter einsatz von Top Ausschüttung

ContentBonus Codes für jedes NeukundenangeboteKasino Abzocke unter anderem unseriöse...

Los toma el enlace ahora Excelentes Tragamonedas 3D Regalado Desprovisto Registrarse

ContentToma el enlace ahora | Ultra Casino – Casino...

Log in, Acceptance Added bonus a rocky $1 deposit hundred% to £425, 200 FS

BlogsWhere Can it be Played? - rocky $1 depositEarn...

Mr Green geht nicht Tipps beim Mr Green tennis stars Spiel Down & Störungen

ContentTennis stars Spiel | Unsrige Angehöriger SeitenExistireren dies versteckte...