सफाई देने आए नारायण प्रेम सांई खुद सवालों में उलझे

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ट्रस्ट के अवैध भूमि का मामला

कोई सबूत नहीं दे पाए सांई

उदयपुर, राजीव गांधी उद्यान के समीप नारायण सांई लोकसेवा ट्रस्ट द्वारा अवैध कब्जा की गई ढाई बीघा जमीन को यूआईटी द्वारा कार्रवाई कर मुक्त कराने को लेकर ट्रस्ट द्वारा स्पष्टीकरण देने के उद्देश्य से ट्रस्ट के नारायण प्रेम सांई ने सोमवार को लेकसिटी प्रेस क्ल्ब में पत्रकारों के समक्ष अपना पक्ष रखा लेकिन वे कोई भी वैधानिक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए।

उल्लेखनीय है कि दो माह पूर्व राजीव गांधी पार्क के पास नारायण सांई लोक सेवा ट्रस्ट द्वारा अवैध कब्जा की गई ढाई बीघा जमीन को यूआईटी ने कार्यवाही कर चल रहे निर्माण को ध्वस्त कर अपने कब्जे में ली थी। इसी संदर्भ में ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायण प्रेम सांई ने सोमवार को प्रेस वार्ता की और यूआईटी द्वारा की गई कार्यवाही को गैर कानूनी बताया। उन्होंने कहा कि हमें बिना नोटिस दिये ये कार्यवाही की गई जबकि पिछले १५ वर्षों से इस जमीन पर ट्रस्ट का कब्जा है तथा इस जमीन को ट्रस्ट ने पूर्व में कब्जा मालिक नानु/रामा निवासी हवाला से खरीदी थी।

जबकि राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह जमीन राजीव गांधी उद्यान के खाते में है और ट्रस्ट द्वारा गैर कानूनी ढंग से निर्माण कराया जा रहा था। प्रेस वार्ता में जब नारायण प्रेम सांई से इस जमीन के वैधानिक दस्तावेज मांगे गये तो प्रेम सांई बता नहीं पाये और जो फाइल उन्होंने बताई उसमें ऐसे कोई दस्तावेज नहीं थे जिनसे जमीन ट्रस्ट की मानी जाए। यहां तक उनकी फाईल में यूआईटी द्वारा भेजे गये नोटिस भी मिले जो यूआईटी ने केाई नहीं होने की सूरत में वहां चस्पा कर दिये। पूरी प्रेस वार्ता में प्रेम सांई जमीन को ट्रस्ट की होने का दावा करते रहे जबकि ट्रस्ट की जमीन है उसका एक भी सबूत या दस्तावेज नहीं बता पाये।

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