राजस्थान के कौस्तुभ ने हिन्दुस्तान जिंक और स्मृतियां टैलेंट हंट ‘प्रतिभा‘ का विजेता बनकर विश्वस्तर पर किया गौरवान्वित

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  • राजस्थान के 5 जिलों में प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने के लिए आयोजित वर्चुअल प्रतिभा टैलेंट हंअ में 100 से अधिक कलाकार बने प्रतिभागी
    ‘प्रतिभा‘ के विजेता 15 वर्षीय कौस्तुभ मणिपुश्प कुंज पंडित चतुर लाल युवा पुरुस्कार से सम्मानित
  • देश के प्रख्यात कलाकारों की प्रस्तुती के साथ उदयपुर चैप्टर स्मृतियां ईकॉन्सर्ट के 20 वें संस्करण का समापन

उदयपुर 20 फरवरी 2021। शनिवार की शाम संगीत प्रेमियों के साथ साथ विश्वविख्यात संगीतज्ञों के लिए भी कुछ खास थी। दक्षिण और उत्तर भारतीय संगीत की जुगलबंदी के साथ 15 वर्षिय नवोदित प्रतिभा कौस्तुभ की तबले और शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुती से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये। स्मृतियां ईकाॅन्सर्ट उदयपुर चैप्टर के दर्शकों को कौस्तुभ मणिपुश्प कुंज ने रोमांचित कर दिया। ऑनलाइन टैलेंट हंट ‘प्रतिभा‘ के विजेता अजमेर की इस विलक्षण प्रतिभा ने अपनी प्रस्तुती से दर्शकों की खुब तालियां बटोरी।
राजस्थान के स्थानीय कलाकारों को विश्व स्तर पर प्रस्तुती का अवसर प्रदान करने के लिए टैलेंट हंट ‘प्रतिभा‘ की शुरूआत की गयी। राजस्थान के उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और अजमेर जिलों से इस हेतु प्रतिभाओं को आमंत्रित किया गया था। इन 100 से अधिक प्रतिभाओं ने भजन सम्राट अनुप जलोटा, पद्म श्री कत्थक गुरु शोवना नारायण, तबला वादक पंडित चरणजीत चतुरलाल और भारतीय प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार के समक्ष अपनी प्रस्तुती दी। जिन्होंने 6 प्रतिभागियों अजमेर से कौस्तुभ मणिपुश्प कुंज और नवदीप सिंह झाला, उदयपुर से नीरज मिस्त्री, विनय कडेल, मो. तबरीज और आरीज़ एवं राजसमंद से द राजसमंद गु्रप के हर्षित पुरबिया, निमिषा पगारिया, रक्षा पगारिया और कोमल नागरची का अंतिम दौर में प्रस्तुती हेतु चयन किया जिसमें कौस्तुभ को विजेता घोषित किया गया। कौस्तुभ हिंदुस्तानी क्लासिकल वोकल और इंस्ट्रूमेंटल तबला कलाकार हैं जिन्होंने चार साल की उम्र में अपनी संगीत यात्रा शुरू की थी। उन्होंने पहले भी जिला, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीते हैं।
समारोह में देश के प्रख्यात संगीत उस्तादों ने भी प्रस्तुती दी। डॉ। मैसूर मंजूनाथ, पं गौरव मजूमदार, विदवान बीसी मंजूनाथ और प्रांशु चतुर लाल ने दक्षिण और उत्तरभारतीय संगीत रागों की बहुप्रतीक्षित जुगलबंदी प्रस्तुत की। उत्तर और दक्षिण संगीत के भावपूर्ण संलयन को वायलिन, सितार, मृदगंम और तबले पर इन कलाकारों ने प्रस्तुत कर रोमांचित कर दिया।

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