फिल्मी स्टाइल में छकाया पुलिस को

चित्तौडगढ, चित्तौडगढ पुलिस ने बडी कार्यवाही करते हुए अवैध हथियारो के साथ तीन युवको को गिरफ्तार किया है। तीनो युवक पंजाब के रहने वाले थे जो चितौडगढ के निम्बाहेडा क्षैत्र में हथियारो की खरीद फरोख्त के सिलसिले में आए थे। पुलिस ने युवको से तीन रिवाल्वर एक ३१५ सिंग बोर बंदूक व १३ कारतूस व चार मोबाइल फोन बरामद किए है। राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमा पर होने से चितौडगढ व प्रतापढ जिले मे हथियारो की तस्करी मे बढोतरी हुई है पुलिस का खुफिया तंत्र बिल्कुल फैल हो चुका है। गुरूवार को हुई इस बडी वारदात मे अगर सौदा नही बिग$डता तो पंजाब से आए ये हथियार तस्कर आसानी से हथियार लेकर जिले से निकल जाते।

जिला पुलिस अधीक्षक एच.जी. राघवेन्द्र सुहास ने बताया कि देवेन्द्र सिंह पिता स्वर्णसिंह (२५) निवासी मौगा (पंजाब), विरेन्द्र पाल पिता चरण जीत (२६) निवासी पंजाब व अमलजीत सिंह पिता सुल्तानसिंह (४०) निवासी पटियाला पंजाब गुरूवार को चितौडगढ जिले के निम्बाहेडा उपखण्ड में हथियारो की खरीद फरोख्त के लिए गुरूवार सवेरे कार से पहुंचे थे। उक्त अपने साथ सहारनपुर से निर्मित एक देशी कट्टा व एक ३१५ सिंगल बोर बंदूक साथ लेकर आए थे। निम्बाहेडा मे उक्त तीनो युवक बिट्टु नाम व्यक्ति से दो रिवाल्वर लेने आए थे। जहां सौदा ८० हजार रूपये मे तय हुआ था। सौदे के दौरान बिट्टु के साथ ५-६ लोगो को देख कर उक्त युवक घबरा गए और बिना पैसे दिए दोनो ही रिवाल्वर लेकर वहां से चितौडगढ की ओर भाग छुटे।

इधर, इस घटना की सूचना किसी अन्य व्यक्ति ने पुलिस को दे दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने पुरे जिले मे मुख्य तौर पर चितौडगढ-निम्बाहेडा मार्ग पर नाकाबंदी प्रारम्भ कर दी। उक्त युवक अपनी कार को तेज गति से चला कर चितौडगढ की ओर आ रहे थे। इस दौरान उन्होने शम्भुपुरा थाना पुलिस द्वारा की जा रही नाकाबंदी को फिल्मी स्टाईल मे तोडते हुए आगे की ओर रफ्तार पकड ली। कुछ ही पल मे उक्त युवक चितौडगढ निम्बाहेडा मार्ग पर चितौडगढ शहर के समीप पहुंच गए। जहां सदर थाना पुलिस द्वारा की जा रही नाकाबंदी को तोड कर सदर थाना पुलिस को भी गाडी चढाने का प्रयास किया और नाकाबंदी तोड कर चित्तौडगढ कोटा-मार्ग की ओर फोरलेन पर चढ गए। इसके बाद ये युवक कोटा-बस्सी मार्ग की ओर अपना रूख कर चुके थे। फिल्मो की तरह इन हथियारबंद लुटेरो के पीछे पुलिस थी। जैसे ही ये युवक सेमलपुरा चौराहा होते हुए बस्सी टोल नाके के समीप पहुंचे। जहां खडी बस्सी व बिजयपुर थाना पुलिस के भारी जाप्ते को देख कर वापस चितौडगढ शहर की ओर घुम गए। जहां सेमलपुरा चौराहा पहुंचने के बाद ये सेमलपुरा होते हुए मानपुरा व देहलीगेट पहुंचे और देहली गेट के पास पहुंच गए जहां सामने से आती कोतवाली पुलिस को देख उक्त युवको ने अपनी गाडी को देहली गेट के पास स्थित आबादी क्षैत्र मे घुसा दिया और उतर गए और एक मकान मे घुस गए। मकान के अंदर महिला अकेली थी। पुलिस ने मकान को चोरो ओर से घेर लिया और तीनो युवको को मकान के बाहर निकाल कर भारी जाप्ते के साथ सदर थाना ले आई। एकाएक हुई इस तरह की वारदात व घटनाक्रम से तरह तरह की अफवाहो ने जोर पकड लिया। लोगो का कहना था कि शहर मे आतंकवादी घुस आए है। इस पूरी घटना से शहरी क्षैत्र के वासिंदे सहमे हुए से देखे गए। पुलिस इनके और साथियो को पकडने का प्रयास कर रही है। तीनो युवको को पकडने मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज चौधरी, पुलिस उप अधीक्षक विक्रमसिंह, गंगरार वृताधिकारी सतीश मीणा, शहर कोतवाली बोराजसिंह, चन्देरिया सीआई वृद्वीचंद गुजर, सदर थानाधिकारी अनिल जोशी आदि अधिकारियो एवं पुलिसकर्मियो ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई, लेकिन इन पुलिसकर्मियो के साथ साथ धन्यवाद का पात्र वह व्यक्ति है जिसने समय रहते पुलिस को उक्त वाहन के बारे मे सूचना दी। चितौडगढ पुलिस के खुफिया तंत्र की पोल सबके सामने से खुफिया तंत्र बिल्कुल फैल हो चुका है। राजथान व मध्यप्रदेश की सीमा पर होने के कारण चितौडगढ जिले मे अपराध पैर पसारने लगे है। गत दिनो निकटवर्ती प्रतापगढ जिले मे भी भूमि विवाद को लेकर हत्या की वारदात हुई थी। वही चितौडगढ जिले मे मुम्बई व अन्य महानगरो की तर्ज पर दिन दहाडे लूट की वारदाते होने लगी है। गुरूवार को हुई इस घटना से ऐसा प्रतित होता है कि जिले मे अवैध हथियारो की खरीद फरोख्त का धंध फलने फूलने लगा है। पंजाब से हथियार तस्कर हथियार खरीदने आने लगे है। अगर दोनो ही जिले की पुलिस अपने खुफिया तंत्र मजबूत करेगी तो कही जाकर अपराधो पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

 

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