उदयपुर, उदयपुर और राजस्थान के साथ साथ अन्य प्रदेशों में तेजी से पै*ल रहे हुक्का बार के नाम से जिस तरह से नई युवा पीढी को नशे की लत लगाने की शुरूआत की जा रही है ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए अरावली पर्यावरण झील व महासंघ एवं आलोक संस्थान के निदेशक डा.प्रदीप कुमावत ने सरकार से ज्ञापन भेजकर मांग की है कि तेजी से पनप रहे हुक्का बारों को शीघ्र बंद किया जाए। क्यों कि हुक्का बार की आड में नशीली दवाईयां मिलाकर और जिस ढंग से शुरूआत की जा रही है। वह न सिर्प* शरीर के लिए घातक है वरन नई पी$ढी को बर्बाद करने की शुरूआत है। यह एक प्रांरभिक अवस्था के लक्षण है। जिसके माध्यम से बच्चों में नशे की लत पडनी शरू हो जाती है। प्रांरभ में पीपरमेंट, कच्ची केरी, अंगुर इत्यादि प*लेवरेेे नाम से हुक्के के प*लेवर्स को नई पीढी को परोसा जा रहा है। उसके बाद उसमें तम्बाकु, निकोडीन, शराब और अन्य नशीली दवाईयां मिलाकर हुक्का पीने के लिए आकर्षित कर नशे की लत लगाने की शुरूआत की जा रही है।

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