Udaipur News. कोविड-19 संक्रमण के बीच मौसमी बीमारियों का कहर भी बढ़ता जा रहा है। ेतु संभाग के सबसे बड़े अस्पताल महाराणा  भूपाल चिकित्सालय  में भी पूरी सतर्कता नहीं बरती जा रही है। मरीज़ो की सबसे ज्यादा आवाजाही इसी अस्पताल में होने के बावजूद  लापरवाही का आलम हर तरफ देखने को मिला। सोमवार को ओ पीड़ी में मरीज़ो की लम्बी कतारे  तो देखने को मिली लेकिन सोशल डिस्टन्सिंग की धज्जिया उड़ गयी। उचित दुरी अपनाने वाली गाइड लाइन  यहाँ मुँह चिढ़ाती हुई नज़र आई।  हलाकि मास्क लगाने की पलना ज़रूर यहाँ नज़र आई परन्तु अभी भी भीड़ लगने के कारण यह कितना जानलेवा हो सकता है वो भी तब जब कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं  ले रहा हो। ऐसे  तो हम महामारी की जंग  को कैसे जीत पाएंगे? वैसे भी अभी कोरोना अकेला खतरा   नहीं है।

पहाड़ी इलाकाें में पाया जाने वाला स्क्रब टाइफस का संक्रमण अब शहर में भी फैलने लगा है। इस साल मरीजाें की संख्या 380 के पार हो चुकी है, जो प्रदेशभर में सबसे ज्यादा है। सितंबर महीने में ही स्क्रब टाइफस के 151 मामले सामने आए हैं। प्रदेश में स्क्रब टाइफस का पहला मामला भी 9 महीने पहले उदयपुर में ही सामने आया था।बावजूद इसके चिकित्सा विभाग की अनदेखी से मामले 380 तक जा पहुंचे। दूसरी अाेर जयपुर में 100, भरतपुर में 17 के अलावा संभाग के राजसमंद में 55, चित्तौड़ में 84 मामले मिले हैं। चिकित्सा विभाग की अनदेखी के चलते बारिश के साथ ही मलेरिया, डेंगू के भी मामले भी बढ़े है। मलेरिया के प्रदेशभर में 400 मामले हैं, जबकि उदयपुर में ही 178 मरीज मिले हैं। वहीं प्रदेश में डेंगू के 550 मामलों में जयपुर और उदयपुर में मरीजाें की संख्या 250 पार कर गई है।

डिप्टी सीएमएचओ और मौसमी बीमारियों के प्रभारी डॉ. राघवेंद्र राय ने बताया कि स्क्रब टाइफस के रोगियों को ठंड के साथ तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, रक्तचाप के गिरने, मांसपेशियों में अकड़न और शरीर पर दाने होने की शिकायत होती है। ऐसी शिकायत होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। स्क्रब टाइफस ज्वर संक्रमित माइट (पिस्सू) के काटने से फैलता है। इसका बैक्टीरिया झाड़ियों, खेतों, घास और घर में रहने वाले कीटों में पाया जाता है, जो इन कीटों के काटने पर शरीर में प्रवेश करता है। यह बीमारी बारिश के मौसम में तेजी से फैलती है।

इससे बचाव के लिए जो उपाय उन्होंने बताये  वो हैं  ———

घर के आसपास गंदा न , कचरा, नमी बनाने वाली चीजें ना रहने दें।

घर में हरियाली वाली जगहों पर नियमित सफाई के साथ कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव जरूर करें।

पार्क में टहलते वक्त जूते जरूर जरूर पहनें।

बचाव के लिए घर में भी पालतू पशुओं की जगहों पर साफ-सफाई पर खास दें।

Watch Full Video On YouTube – https://youtu.be/C_xGXMd284k

Previous articleसांस्कृतिक समिति 5 October को इस बारे में मेला नहीं करने को लेकर भी करेगी चर्चा |
Next articleParas JK Hospital मरीज की मौत के बाद उठते सवाल – Super Speciality Hospital क्या इलाज के नाम पर मेडिकल किडनेपिंग होती है ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here