pillsinhand

उदयपुर । शहर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप आया हुआ है हर तीसरा आदमी मौसमी बिमारी की चपेट में है और निशुल्क दवा उपलब्ध करवाने का दावा करने वाली सरकार इन बीमारों के साथ मजाक करने पर उतारू है | निशुल्क द्वा केंद्र पर मामूली सी बुखार और खांसी की दवा भी उपलब्ध नहीं है | जीवन रक्षक दवाओं के बारे में तो हम सोच भी नहीं सकते |
इस बार मौसम में आ रहे एकदम परिवर्तन से मौसमी बीमारियों के रोगियों की संख्या को बढा दिया है। शहर के एम.बी. चिकित्सालय में इन दिनों इमरजेंसी में मौसमी बीमारियों के मरीजों की भारी भीड देखी जा रही है। वहीं निशुल्क दवा काउंटरों पर इन दिनों मौसमी बीमारियों के लिए दी जाने मामूली सर्दी खांसी और बुखार वाली जेनेरिक दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हो रही है।
कभी बारिश तो कभी धूप से एकदम बदलते मौसम के कारण इन दिनों शहर के चिकित्सालयों में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या भी बढ गई है। इमरजेंसी में मरीज कतारबद्घ होकर चिकित्सकीय परामर्श ले रहे है। वहीं सुबह आउटडोर में भी मरीजों की लंबी कतारें देखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार आउट डोर में इन दिनों तीन से चार हज़ार के बीच मरीज आरहे है |
मौसमी बीमारियों के कारण बढी मरीजों की संख्या के साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही जीवनरक्षक दवाइयाँ तो खेर काउंटर पर है ही नहीं लेकिन हालत यह है कि मामूली सर्दी खांसी की निशुल्क दवाइयों का भी टोटा होने लगा है। पिछले दिनों चिकित्सालयों में पशु काटने के इंजेक्शन नहीं होने का मामला सामने आया था। अब मौसमी बीमारियों के लिए इन दिनों चिकित्सकों द्वारा लिखी जा रही आम जेनेरिक दवा ’पेरासीटामोल’ भी निशुल्क दवा काउंटरों पर उपलब्ध नहीं हो रही है। निशुल्क दवा काउंटरों पर जाने पर मरीजों को इस दवा को बाहर से खरीदने की सलाह दी जा रही है।
पानी के कारण बढ रहे मरीज: मरीजों की संख्या में इजाफा का एक कारण शहर में इन दिनों नलों में सप्लाई हो रहा पानी भी माना जा रहा है। पिछले कई दिनों से शहर के नलों में जलदाय विभाग द्वारा जो जलापूर्ति की जा रही है उसमें मिटटी की मात्रा अधिक पाई जा रही है। पिछले दस दिनों से शहर के हर हिस्से में पानी गंदा और मटमैला आरहा है जो कई बीमारियों को जन्म दे रहा है। डॉक्टरों की सलाह है कि इन दिनों पानी का ख़ास टूर पर ध्यान रखा जाए और जहाँ तक हो सके पानी को उबाल कर ही पीया जाए |

Previous articleटारगेट पर है लेक पैलेस ..
Next articleलेकसिटी को वाई-फाई बनाने की मशक्कत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here