mother milk bank

मदरर्स डे पर प्राप्त हुआ १९ यूनिट दूध दान
उदयपुर, दिव्य मदर मिल्क बैंक की ओर से अंतर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस के उपलक्ष में रविवार को आयोजित मदर मिल्क डोनेशन केम्पन में माताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसमें कुल १९ यूनिट दूध प्राप्त हुआ। इस केम्प को सफल बनाने में हर वर्ग की महिलाओं ने सहयोग दिया। मदर मिल्क डोनेशन केम्प का यह पहला कदम सफल रहा।
मदर मिल्क डोनेशन केम्प का उदघाटन करते हुए आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस.के. कौशिक ने धात्री दानदाताओं माताओं को कहा कि आपके बच्चे तो किस्मत वाले है कि उन्हें मां का दूध मिला मगर ऐसे बहुत से बच्चे है जिनको कई कारणों से मां का दूध नहंी मिल पाता। आप ऐसे कई अनजान शिशुओं की जान बचाने में मदद कर रहे है जो अतुलनीय है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम.बी. चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. डी.पी. सिंह ने कहा कि यह एक मानवीय प्रयास है, मां के दूध से बहुत फायदे है। इससे गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती नवजात शिशुओं को बेहतर पोषण मिलेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनाना चिकित्यलय यूनिट हेड डॉ. देवेन्द्र सरीन एवं डॉ. लाखन पोसवाल ने की।
इस अवसर पर डॉ. कौशिक द्वारा धात्री दानदाता माताओं को प्रमाण पत्र एवं मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही आरएनटी मेडिकल कॉलेज एवं दिव्य मदर मिल्क बैंक के साझे में अंतर्राष्ट्रीय मदर्स डे पर आयोजित त्रि दिवसीय कार्यक्रम के समापन समारोह में प्रतिभागी मेडिकॉज के स्लोगन, आर्ट एवं एड का प्रदर्शन आरएनटी ऑडिटोरियम में किया गया। विजेता डॉ. हितेश गर्ग, डॉ. यास्मिन, डॉ. श्रद्घा शर्मा, डॉ. चैतानी कासलीवाल को कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. राजरानी शर्मा, योग गुरू देवेन्द्र अग्रवाल एवं डॉ. जी.एल. बूंकर एवं डॉ. आर.के. अग्रवाल द्वारा पुरस्कृत किया गया।
नारायण सेवा संस्थान की प्रबन्ध निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने कहा कि मां जीवनदायिनी है। मां तो आखिर मां है। उसे ईश्वर ने पृथ्वी पर सर्वकल्याण के लिए भेज कर पृथ्वी पर बडा उपकार किया है। इसलिए हम कह सकते है कि कोमल है, कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही ‘मां‘ हैं।
रविवार को महाराण प्रताप वरिष्ट नागरिक संस्थान द्वारा विज्ञान समिति में मातृ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। संसथान के महासचिव भ्ंावर सेठ ने महिला शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि म से मनस्वी, हि से हिम्मतवाली, ल से लज्जायुक्त के साथ करूणाा, प्रेम व सहानुभूति जैसे नैसर्गिंक गुणों से युक्त मां के बिना संसार अधूरा है। इस अवसर पर डॅा. बी.एल.वर्मा ने मंा के संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि मां के स्वास्थ्य का ध्यान रखना समाज की जिम्मेदारी है। संस्थान की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती तारा दीक्षित व सचिव सुशीला कच्छारा ने कार्यक्रम में ७५ माताओं का उपारना ओढाकर सम्मान किया।

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