1458_untitled-5उदयपुर/कोटड़ा. उम्र 70 साल हो चुकी है। पति नहीं रहे। भूखा रहने को मजबूर हुई वृद्धा के तीन बेटे, दो बेटियों का भरापूरा कुनबा है, लेकिन देखभाल तो दूर घर से भी निकाल दिया है। गांव में ही पीहर है जहां दो भाई और उनके परिवार हैं, लेकिन यही लोग जान के दुश्मन बन गए हैं।
पीहर वाले बेटों को धमका रहे हैं तुम्हारी मां को रखो तो अपने घर पर ही, लेकिन खाने को कुछ मत दो। जब मर जाएगी तब हर्जाना वसूलेंगे। हैरान कर देने वाली यह हकीकत है कोटड़ा क्षेत्र के मवला गांव की। परंपरा की आड़ में पीहर वाले मोटी रकम वसूलना चाहते हैं तो धमकाए बेटों ने रोटी देना बंद कर दिया है।
पीहर वालों के खिलाफ केस दर्ज
घर छोड़कर दर-दर की ठोकरें खा रही वृद्धा है चिनूबाई खेर। पति धूला की मौत के बाद हालात बद से बदतर होते गए। इसीबीच मंगलवार को उपखंड अधिकारी को फरियाद भेजी कि मदद हो सकती है तो ठीक नहीं तो आत्महत्या के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं बचा है। महिला की ये फरियाद काम आई और एसडीएम के निर्देश पर कोटड़ा पुलिस ने पीहर वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। राजस्थान में आए दिन ऐसे मामले देखने को मिलते रहे हैं जिनमें रीति रिवाज के नाम पर औरतों और लड़कियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
रिवाज बना आफत
मामलों में हर्जाना वसूलने के अनेकों मामले हुए हैं, परंतु किसी के जीवित होने पर ऐसी स्थिति शायद पहली बार आई है। आदिवासी क्षेत्र में किसी की मौत होने पर दोषी परिवार से रकम की मांग की जाती है। इसे यहां मौताणा कहते हैं। महिला की ससुराल में मौत होने पर पीहर पक्ष हर्जाना वसूलता है। इस संबंध में मांडवा एसएचओ भगवतसिंह ने बताया कि एसडीओ के माध्यम से महिला का पत्र मिला है। इसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामर्ला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के लिए आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।

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