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उदयपुर। लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान यदि आपके पास वोटर आईकार्ड नहीं है। विभाग की ओर से भेजी जाने वाली मतदाता पर्ची भी नहीं है। तब भी आप मतदान कर सकेंगे। हां, इसके लिए आपका नाम मतदाता सूची में जुड़ा होना जरूरी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन ने कल जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी कि किसी भी वोटर को इस बात के लिए भी परेशान होने की जरूरत नहीं है कि उसका नाम मतदाता सूची में है या नहीं। हैं तो किस मतदान केंद्र पर है, किस भाग संख्या के किस क्रम पर है। इसके लिए विभाग ने सभी नाम वेबसाइट पर अपलोड किए हैं। वहां नाम और अन्य जानकारियों के आधार पर पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा एसएमएस के जरिए भी वोटर अपना क्रम, मतदान केंद्र पता कर सकेगा। इसके बावजूद यदि वोटर यह भी नहीं कर सकेगा, तो उसके लिए नौ मार्च को प्रत्येक मतदान केंद्र पर बीएलओ मतदाता सूची लेकर बैठेंगे। वहां वे अपना नाम देख सकेंगे। यदि नाम नहीं हैं, तो वे फार्म-छह भरकर जुड़वां भी सकेंगे।
यह भी रहेंगी व्यवस्थाएं
> पोस्टल बैलेट की पहले से ज्यादा स्मार्ट व्यवस्था रहेगी।
> प्रत्याशियों के प्रतिदिन खर्च पर मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए आयकर, एक्साइज, पुलिस आदि सभी विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।
> पेड न्यूज पर रोक व निगाह रखने के लिए जिलास्तर पर कमेटियां तैयार।
> अधिक मतदान के लिए विभागीय स्तर पर, मीडिया के हर स्तर पर प्रचार-प्रसार शुरू किया जा रहा है।
> ईवीएम का एलोकेशन रेंडम आधार पर किया जाएगा। इसके सॉफ्टवेयर में ईवीएम डेटा अपलोड कर दिए गए हैं।
> गर्मी में बूथ पर पानी, शैल्टर, शौचालय, रैंप, बिजली आदि का प्रबंध रहेगा।
> अवैध हथियारों की जब्ती व लाइसेंस शुदा हथियार भी जमा होंगे।
> अवांछित तत्वों को चिह्नित कर पाबंद किया जाएगा।
> धन का दुरुपयोग रोकने के लिए सख्ती रहेगी।
> सोशल मीडिया के विज्ञापन पर भी निगाह रहेगी। बल्कि एसएमएस करने वाली कंपनियों के माध्यम से सूचना प्राप्त करेंगे और पार्टियों, प्रत्याशियों के खर्च में उन्हें जोड़ेंगे।
राजनीतिक दलों के लिए इस प्रकार के बंधन
> चुनाव घोषणापत्र पर भी आयोग की निगाह रहेगी। उनमें किसी भी प्रकार के ऐसे तथ्य नहीं होंगे, जो संविधान या आदर्श आचार संहिता के खिलाफ जैसी कोई बात शामिल हो।
> निर्वाचन प्रक्रिया की स्वच्छता का ख्याल रखना होगा।
> वित्तीय आवश्यकताओं के उपाय बताने होंगे।
> घोषणा पत्र में ऐसे ही वादे करने होंगे, जिन्हें घोषणा करना संभव हो।
> संपत्ति कानून विधानसभा चुनाव की तरह लागू होगा।
> चुनाव प्रचार के विज्ञापन का प्री-सर्टिफिकेशन देना होगा। कैसा विज्ञापन दे रहे हैं। उसके खर्च की जानकारी भी।
> प्रत्याशियों के चुनाव खर्च का भी प्रतिदिन ब्यौरा रखना होगा। इसके लिए एक रजिस्टर दिया जाएगा। उसे तीन दिन में दिखाना होगा। वेबसाइट पर भी उसे अपलोड करना होगा।

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