भारत में इस्तेमाल होने वाले ईंधन का 80 फीसदी आयात के ज़रिए आता है.
भारत में इस्तेमाल होने वाले ईंधन का 80 फीसदी आयात के ज़रिए आता है.

तेल मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि सरकार की ओर से चलाई जा रहीं तेल कंपनियां, विश्व में बढ़ते कच्चे तेल के दाम के मुताबिक देश में डीज़ल का दाम बढ़ा सकती हैं.

 

उन्होंने कहा कि इससे कंपनियां डीज़ल पर हो रहे 9.60 रुपए प्रति लीटर के नुकसान की भरपाई कर पाएंगी.

तेल मंत्रालय में सचिव जीसी चतुर्वेदी ने पत्रकारों को बताया, “तेल कंपनियों को कुछ समय के अंतराल में डीज़ल का दाम थोड़ा-थोड़ा बढ़ाने की अनुमति दी गई है.”

 

हालांकि उन्होंने इस समयावधि के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.

 

भारत में रिफाइन्ड तेल की ख़पत में 40 फीसदी हिस्सा डीज़ल का है. भारत सरकार डीज़ल के दाम पर सब्सिडी देती है और इस कदम के ज़रिए सब्सिडी का बोझ घटने की उम्मीद है.

 

वर्ष 2010 में भारत सरकार ने निजी कंपनियों को पेट्रोल के दाम तय करने की छूट दी थी.

 

पर उसके बाद भी समय समय पर वैश्विक बाज़ार में तेल की कीमतें बढ़ने के बावजूद सरकार देश में पेट्रोल की कीमतें उतना नहीं बढ़ने देती रही है.

ज़्यादा एलपीजी सिलेंडर

इस घोषणा के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन, आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा, “अगर तेल मंत्री का बयान डीज़ल के दामों के विनियमित की ओर पहला कदम है, तो ये एक साहसी फैसला है जिसे बहुत पहले ही ले लिया जाना चाहिए था.”

 

राजनीतिक मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में लिए गए फैसलों में सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की सालाना संख्या को छह से बढ़ाकर नौ कर दिया गया.

 

बैठक के बाद तेल मंत्री वीरप्पा मोइली ने पत्रकारों को बताया कि फिलहाल एलपीजी और केरोसीन के दामों में वृद्धि नहीं होगी.

 

उपभोक्ताओं को सितंबर 2012 और मार्च 2013 के बीच पांच सिलेंडर मिलेंगे और पहली अप्रैल 2013 के बाद वो सालाना नौ सिलेंडर ले सकेंगे.

 

सो. बी बी सी

Previous articleहर मिनट के देने होंगे 1 रुपये ,महंगी होगी कॉल रेट
Next article‘स्पन्दन’ में वनवासी बन्धुओं को कम्बल वितरीत की गई
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here