Jaswant2PTI
नई दिल्‍ली। बाड़मेर से भाजपा का टिकट नहीं मिलने से नाराज पार्टी के वरिष्‍ठ नेता जसवंत सिंह ने बतौर निर्दलीय उम्‍मीदवार पर्चा भर दिया। टिकट कटने से खफा हरिन पाठक भी सोमवार को ‘कोई बड़ा फैसलाÓ कर सकते हैं। लेकिन, पार्टी के झुकने की संभावना न के बराबर है। बताया जाता है कि वरिष्‍ठ नेताओं की नाराजगी या बगावत पार्टी की सोची-समझी रणनीति का नतीजा है। मकसद है वरिष्‍ठ नेताओं को दरकिनार कर भाजपा में शक्ति का एक केंद्र स्‍थापित किया जाना।
राष्‍ट्रीय स्‍तर के नेताओं में जसवंत के अलावा लालकृष्‍ण आडवाणी, सुषमा स्‍वराज, मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्‍ठ नेता किसी न किसी रूप में बगावती सुर उठा चुके हैं। लेकिन, इनमे से किसी की नहीं सुनी गई। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मानना है कि पार्टी को बगावती तेवरों के आगे झुकने की जरूरत नहीं है, ताकि आने वाले दिनों में नए नेतृत्‍व (नरेंद्र मोदी) के सामने से अंदरूनी लड़ाई-गुटबाजी की समस्‍या अपने आप खत्‍म हो जाए।

Previous articleभगतसिंह का रास्ता ही बदलाव का रास्ता
Next articleप्रवीण पालीवाल की हत्या का मुय आरोपी नहीं हुआ गिरफ्तार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here