उदयपुर, कचरे से अटी पडी पिछोला झील के अमरकुंड क्षेत्र में चांदपोल नागरिक समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल र्टे्रस्ट के तत्वावधान में किये गए रविवारीय श्रमदान में झील से शराब की बोतले, कंडोम, मरी हुई मछलिया, सीमेंट के कट्टे, फटे पुराने कपडो से भरी थैलियां, सडांध मारती खाद्य सामग्री, पोलिथिन और जलीय घास निकली गयी।
श्रमदान पश्चात हुए संवाद में कहा गया कि झीलों के किनारो व घाटो की स्वच्छता रखना एवं व्यावसायिक दुरुपयोग को रोकना नागरिको व प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है। गणगौर घाट पर प्रस्तावित गेट के सन्दर्भ में सभी पक्ष संतुलित एवं पर्यावरणीय व सामाजिक रूप से दूरगामी दृष्टिकोण रख कर विचार करे।
झील समरक्षण समिति के अनिल मेहता ने कहा कि कतिपय नागरिको को आशंका है कि घाट पर नाव जेटी व रेस्टोरेंट की छिपी योजना है। प्रशासन को इस आशंका का निराकरण करना चाहिए क्योंकि सिद्घान्त: गणगौर घाट पर नाव जेटी नहीं हो सकती है।
चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने कहा कि परंपरागत रूप से घाट सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों के केंद्र है। इन पर आम नागरिको के निर्बाध आवागमन में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। पालीवाल ने कहा की झील किनारे से अवैध जेटियो को हटाकर एनएलसीपी में बनी जेटियो से ही नावों का संचालन होना चाहिए।
डॉ. मोहनसिंह मेहता ट्रस्ट के सचिव नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि घाटो पर व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक एवं आवारा पशुओ व बाइक एवं कार प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाना चाहिए । वत्र्तमान विवाद का हल संवाद से ही निकलेगा।

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