1-समोरबाग मार्ग पर उत्पात मचाने वाले विक्षिप्त पर सूरजपोल थाने में टूट पड़ी पुलिस, पौने तीन घंटे के घटनाक्रम में नहीं बुलाया गया मनोरोग विशेषज्ञ

7

1

4

5

aaaaaaaaaउदयपुर। एक विक्षिप्त को काबू करने के लिए कल शाम सूरजपोल पुलिस द्वारा अपनाया गया तरीका बिलकुल भी मानवीय नहीं कहा जा सकता। यह बिलकुल सही है कि कोई विक्षिप्त पुलिस ही नहीं, बल्कि किसी के भी कपड़े फाड़ेगा या अंगुली चबा जाएगा, जिससे उसके नौ टांके आएंगे, तो ऐसे विक्षिप्त को बलपूर्वक ही काबू किया जाएगा, लेकिन डेढ़ घंटे चले घटनाक्रम में पहले उस विक्षिप्त को पुलिस द्वारा घटनास्थल पर जमकर पिटा गया और बाद में उसे थाने में लाकर पिटते हुए यह कहा गया कि क्रइसका पागलपन तो हम ठीक कर देंगे।ञ्ज इस बीच किसी मनोरोग चिकित्सक तक को नहीं बुलाया गया, जबकि पुलिस को चाहिए था कि वो उस पागल को काबू करके थाने में लाती और मनोरोग चिकित्सक को बुलाकर उसका उपचार करवाता या एम्बुलेंस बुलाकर उसे मनोरोग अस्पताल भेजती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि अगर सरकारी हॉस्पीटल में उसे भर्ती कराया जाता या इलाज करवाया जाता, तो उसका मेडिकल होता और पुलिस को ऑन रिकार्ड कुछ कार्रवाई करनी पड़ती, लेकिन पुलिस ने अपनी अमानवीय करतूत को छुपाने के लिए विक्षिप्त की जमकर पिटाई के बाद संतुष्ट होने पर उसे आशाधाम आश्रम में भर्ती करवा दिया।
सूत्रों के अनुसार कल शाम को साढ़े चार बजे समोरबाग रोड पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस की गाडी के आगे एक विक्षिप्त कूद गया। विक्षिप्त ने उसके ड्राइवर से मारपीट शुरू कर दी। बीच-बचाव को आए केंद्रीय पुलिस के दो जवानों के के भी कपड़े फाड़ दिए। सूचना मिलने पर सूरजपोल पुलिस की हॉक मौके पर पहुंची। विक्षिप्त को काबू करने के लिए पुलिसकर्मियों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। इस बीच विक्षिप्त कांस्टेबल गमेरसिंह की अंगुली चबा गया। कांस्टेबल गमेरसिंह का हाथ लहुलूहान हो गया। पुलिस के अनुसार बाद में उसको जीप में डालकर थाने ले जाया गया, जहां भी विक्षिप्त काबू नहीं आया।
पता चला है कि थाने में लाने के बाद विक्षिप्त को बांधने से पूर्व पुलिसकर्मियों ने उसकी जमकर लातों-घुसतों से पिटाई की, जबकि पुलिस को चाहिए था कि उसे थाने में बांधने के बाद मानोरोग चिकि त्सक को बुलाते और उसका उपचार करवाते, लेकिन करीब पौने तीन घंटे चले इस घटनाक्रम में न तो मनोरोग चिकित्सक को बुलाया गया और ना ही उसका कोई उपचार करवाया गया। इस बीच विक्षिप्त युवक के चिल्लाने पर उसके मुंह में कपड़ा और ठूंस दिया और उसे नंगा करके उलटा पटककर लाठियां मारी गईं। बाद में उसके रस्सी से उसके हाथ और पैरों को अगल-अलग बांध दिया। उसे करीब सात बजे आशाधाम आश्रम में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मरहम-पट्टी की गई।
वर्जन…
कोई पागल पुलिसकर्मी की अंगुली चबाएगा। सिपाहियों की वर्दियां फाड़ेगा, तो क्या करेंगे। उसकी पिटाई करके ही उसे काबू किया जा सकता है और ऐसा ही किया गया।
-रमेश शर्मा, थानाधिकारी, सूरजपोल
घटनास्थल पर विक्षिप्त युवक को काबू करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया था, लेकिन थाने में लाने के बाद विक्षिप्त युवक की बेहरहमी से पिटाई गई। इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
-डॉ. राजेंद्र भारद्वाज, एएसपी (सिटी)

Previous articleकला प्रदर्शनी ‘बचपन’ का हुआ शुभारंभ बाल चेष्टाओं का चित्रण सराहनीय
Next articleराजस्थान में बीस साल बाद एईएन की सीधी भर्ती
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here