उदयपुर , मरीज बी.पी.एल है फिर भी उसका निशुल्क इलाज़ नहीं कर के उससे हज़ारों रूपये दवाइयों के वसूल लिए और मरीज की मौत भी हो गयी इस घटना को उपभोक्ता संरक्षण मंच ने एक इलाज नहीं मान कर अनुचित व्यापार माना और गीतांजलि हॉस्पिटल के प्रबंधन को मृतक की पत्नी को दवाइयों की राशि और इलाज़ में होने वाले सरे खर्च को वापस लौटाने के आदेश दिए है ।

उपभोक्ता मनचा में गीतांजलि हॉस्पिटल के खिलाफ दुर्गा देवी तम्बोली ने परिवाद दर्ज कराया था उनके पति चाँद मल को इलाज के लिए 23 जून 2010 को भर्ती कराया गया था। चांद मल बीपीएल कार्ड धारी थे। इसके बावजूद इलाज सामान्य केटेगरी में किया गया। दो दिन बाद 25 जून सुबह 5.30 बजे मरीज की मृत्यु हो गई थी। मौत के एक घंटे बाद 1221 रुपए की दवाई उपयोग का बिल जारी कर उसकी पत्नी से राशि वसूली गई थी।

उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष शिवसिंह चौहान, सदस्य वाहिद नूर कुरैशी व संगीता नेपालिया ने गलत तरीके से वसूला गया इलाज खर्च और दवाइयों की राशि मिला कर 15 हजार रुपए मुआवजा देने के आदेश दिए। दूसरी ओर, गीतांजलि अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी चंचलेश भट्ट ने कहा कि उन्हें तथा संस्थान के रजिस्ट्रार नितिन शर्मा को इस केस की जानकारी नहीं है।

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