उदयपुर, । राज्य सरकार ने गुटखे के उत्पादन भण्डार व विक्रय पर रोक के बावजूद भी शहर में धडल्ले से गुटके बिक रह है और तय कीमतों से तीन चार गुना दामों में बेचे जा रहे है। अधिकारी अपनी इस रिपोर्ट से सतुंष्ट है कि अब शहर में किसी दुकान पर पाऊच, गुटके नहीं टंगे हुए है। जबकी हकीकत कुछ और ही है।

अगर शहर में गुटका प्रतिबंध के दिनों की सही से पडताल हो तो सामने आयेगा कि छुटकर दुकानदारों द्वारा जब गुटका प्रतिबंध होने की जुगत चल रही थी तो ओर ज्यादा खरीद कर भण्डार कर लिया गया । सूत्रों की माने तो एक एक छुटकर दुकानदार ने एक-एक दिन में ५-५० हजार तक के पाउच खरीदे वजह सिर्प* एक ही कि प्रतिबंधित होने के बाद इन्ही गुटको से ३ से ५ गुना ज्यादा पैसा कमाया जा सके। बाजार में बिकने वाली सबसे ज्यादा तम्बाकु युत्त* विमल प्रतिबंध से पहले २ रूपये में मिलती थी लेकिन अब यहीं पाउच ४ से ६ रूपये के बीच मिल रहा है। जिसकी कीमत ५ रूपये थी उसके १० से १५ रूपये वसूले जा रहे है। जिन पाउच की कीमत १ रूपया थी उनके ५ रूपये वसूले जा रहे थे।

प*र्क सिर्प* इतना पडा कि यह पाउच अब सरेआम दुकानों पर लटके नहीं मिलते लेकिन दुकानदार छुपा कर गुप्त रूप से रख कर बेच रहे है। मुख्य बाजारो में नहीं हर गली मौहल्लो में यह गुटके उपलब्ध हो रहे है। अधिकारी नाम की कार्यवाही और छापे मार रहे है लेकिन इनका बिना रोक नहीं पा रहे है।

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