उदयपुर , लेकसिटी में इस बार नए साल का जश्न रंगीन होगा जश्न को लेकर होटल व् रेस्टोरेंट संचालकों ने तो अपने स्तर पर तय्यारियां प्रारंभ कर दी है |लेकिन इस बार शहर के समीप बने तथाकथित फार्म हाउसेस पर भी जश्न की तय्यारियां जारी है | नव वर्ष अभी नंदन के लिए निकट वर्ती राज्यों से देह व्यापारी बालाएं भी झीलों की नगरी में पहुच चुकी है |

हर वर्ष से कुछ हट कर होगा लेकसिटी में इस बार नए साल का जश्न कारण साफ़ है की मानसून मेहरबान रहा तो झीलों की नगरी का नेसर्गिक सोंदर्य खिल उठा अरावली की हरी भरी पहाडियों के मध्य स्थित झीलों की उठती लहरें मनो सैलानियों को आलिंगन कर निमंत्रण दे रही हे जल है तो जीवन है के सन्देश के साथ हरीतिमा की चादर ओढ़े अरावली की वादियाँ कोहरे व् बादलों की लुका छिपी में अपना सोंदर्य बिखेर कर मानो कह रही हों परदेसी बालम आओ नि पधारो म्हारे देश रे |

पलक पावडे बिछाये यहाँ के बाग़ बगीचे अतिथियों के अभिनन्दन को आतुर है इसी खुश नुमा माहोल को और भी रंगत देने के लिए निकट वर्ती राज्यों से देह व्यापारी बालाओं का आना शुरू हो गया है | इन बालाओं ने शहर के उपनगरीय क्षेत्रों में डेरा दाल दिया है |तथा अपने पुराने संपर्कों से ग्राहकों तक पहुच बना ली है |

सूत्रों परविशवास करें तो तिन खेपों में विभिन्न राज्यों से प्रयोजनार्थ लगभग १०० से अधिक बलाए लेकसिटी के जश्न को रंगीन बनाने पहुच चुकी है |तथा आगामी अंतिम दिन इनकी वृधि होने की आशंका है |

इधर शहर और बहार की होटलों पर आयोजित होने वाले जश्न मै अपनी पहचान हो जाने के भय से अब जश्न मानाने के लिए नए स्थानों के रूप मै फार्म हाउसेस खोज लिए गए है | जहाँ सिमित लोगों के साथ नए साल का जश्न प्रायवेसी में बनाये रखते हुए मनाया जा सके अधिकांश देह व्यापारी बालाएं इन्ही फार्म हाउसेस पर अपने जलवे बिखेरेगीं रंगीन मिजाज वालो के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है लेकिन निसंदेह पुलिस प्रशासन के लिए ये खबर अच्छी नहीं तथा लेकसिटी के बाशिंदों की संस्कृति को विकृत करने की इस परंपरा को रोकने के सभी प्रयास किये जाने चाहिए |

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