राजस्थान में करीब तीन माह पहले गायब हुई एएनएम भंवरी देवी आज भी राजस्थान ही नहीं अपितु पूरे देश के लिए एक रहस्य बनी हुई है, जिस दिन से भंवरी देवी गायब हुई उसी दिन से पूरे सरकारी महकमे में हलचल मची हुई है।

पहले पुलिस ने अपने हाथ पैर मारे फिर सीबीआई ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन आज तक कोई यह खुलासा नहीं कर पाया कि आखिर भंवरी देवी है कहां? वह जिंदा है या उसे मार दिया गया?

दिलचस्प बात यह है कि भंवरी देवी का अपहरण करने वाले आरोपी शहबुद्दीन और सोहनलाल पुलिस की गिरफ्त में हैं लेकिन ना तो पुलिस और ना ही सीबीआई इन आरोपियों से कुछ उगलवा पाई, और जो आरोपी फरार हैं (सहीराम, विशनाराम व प्रदीप) उन्हें ढूंढ पाना तो दूर पुलिस अभी तक उनका कोई सुराग भी नहीं लगा पाई है।

बीच- बीच में तमाम तरह की अफवाहें भी आती रहीं, कभी खबर आई कि उत्तर प्रदेश के एक गांव में भंवरी का शव मिला है तो कहीं उदयपुर में भी इसी तरह की अफवाह से सन्नाटा फ़ैल जाता है लेकिन सब पानी के बुलबुले उठने और शांत होने जैसा है। इसी बीच खबर आती है कि गुजरात में वह कार मिली है जिसमे भंवरी देवी का अपहरण हुआ लेकिन यह भी जैसे एक अफवाह की तरह चर्चा में आता है और फिर हवा में गायब हो जाता है।

सीबीआई की जांच निरंतर जारी रही और कुछ ऑडियो-वीडियो सीडी मिलने से मामला और गरमा गया लेकिन भंवरी का रहस्य अब भी बरकरार रहा और फिर सीबीआई के हाथ लगती है वह सीडी जो भंवरी देवी और राजस्थान सरकार में मंत्री रहे महिपाल मदेरणा के अन्तरंग दृश्यों से भरपूर है जिसके मिलते ही माना जा रहा था कि अब भंवरी देवी के रहस्य से पर्दा उठ जायेगा लेकिन इससे सिर्फ राजनीतिक गतिविधियां ही तेज़ हुईं, यहां तक कि राजस्थान सरकार का पूरा महकमा ही बदल गया।

 किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक एएनएम का अपहरण की आग की आंच सरकार को इस हद तक झुलसा देगी कि उसका पूरा का पूरा तंत्र ही हिल जायेगा।

भंवरी देवी के अपहरण मामले की जांच में इस तरह नित नए खुलासे हुए। पुलिस, प्रशासन,सीबीआई यहां तक के भंवरी देवी के परिजनों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन जैसे-जैसे जांच में तेज़ी आई उसी तेज़ी से यह रहस्य गहराया ही है। भंवरी देवी कहां है किस हाल में है जीवित है या समाज के दरिंदों ने उसे मौत के घाट उतार दिया यह प्रश्न आज भी हर जुवां पर है?

 ये उठते हैं सवाल…

>क्या भंवरी देवी मामले में क्या राजस्थान सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयास काफी हैं?

>या सरकार मात्र अपनी छवि बचाने का प्रयास कर रही है?

>क्या सीबीआई और पुलिस अपहरण के आरोपियों से सच उगलवाने में कड़े प्रयास कर रही है?

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