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खबर 1 – राजस्थान में गहलोत सरकार से समर्थन वापस लेगी 2 विधायकों वाली BTP, कांग्रेस सरकार पर धोखेबाजी का आरोप

खबर 2 – आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी का अधिकार देने के विरोध में एलोपैथी डॉक्टरों की सांकेतिक हड़ताल दी चेतावनी कहा मांगे नहीं मानी ताे काम बंद

खबर 3 – 700 वाहनों की फिटनेस नहींरिन्युअल नहीं कराया ताे कार्रवाई

खबर 4 – खूब जम रही है सुर और ताल ,कांग्रेस ने भाजपा की सूर्या काे जिला प्रमुख बनाया ताे अब भाजपा ने उप जिला प्रमुख के लिए कांग्रेस काे दिया समर्थन

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खबर 1 – राजस्थान में गहलोत सरकार से समर्थन वापस लेगी 2 विधायकों वाली BTP, कांग्रेस सरकार पर धोखेबाजी का आरोप

Udaipur. गेरो पे करम अपनों पे सितम ,अ जाने वफ़ा ये ज़ुल्म न कर ये गाना हाल ही के घटनाक्रम में बिटीपी की दशा बता रहा  है .और अब  राजस्थान के गहलोत सरकार में सहयोगी भारतीय ट्राइबल पार्टी (‌BTP) अपना समर्थन वापस लेगी। इस संबंध में पार्टी के संस्थापक छोटूभाई वसावा ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भाजपा-कांग्रेस एक है। BTP राजस्थान सरकार से समर्थन वापस लेगी।’ उन्होंने हाल ही में खत्म हुए पंचायत और जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस पर धोखेबाजी का आरोप लगाया है। BTP के दो विधायक हैं।हाल ही में डूंगरपुर जिला परिषद के हुए चुनावों में 27 में से 13 BTP समर्थित सदस्यों ने जीत दर्ज की थी, जबकि जिला प्रमुख बनने के लिए बहुमत का आंकड़ा 14 है। राज्य में कांग्रेस की सरकार के साथ गठबंधन में शामिल BTP को उम्मीद थी कि वह इस बार कांग्रेस के समर्थन से अपना जिला प्रमुख बनाएगी।BTP का आरोप है कि छोटी पार्टी को स्थानीय सरकार की सत्ता से दूर करने के लिए कांग्रेस ने प्रतिद्वंदी भाजपा से हाथ मिलाकर BTP समर्थक को हरा दिया। यहां कांग्रेस के समर्थन से भाजपा का प्रत्याशी जिला प्रमुख बना। 27 सीटों में से भाजपा को 8 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली है।वर्तमान में 105 सदस्यों के साथ कांग्रेस की गहलोत सरकार राज्य में काबिज है। BTP के दो विधायक जो डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा और चौरासी सीट से आते हैं। इसी साल जुलाई में जब गहलोत सरकार गिराने का घटनाक्रम चला था, तब इन दोनों विधायकों ने कांग्रेस सरकार को अपना समर्थन दिया था।लेकिन अब समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। गहलोत-पायलट गुट का विवाद पार्टी आलाकमान हल करा दिया है। ऐसी स्थिति में अगर BTP गहलोत सरकार से समर्थन वापस लेती भी है, तो भी सरकार को कोई खतरा नहीं है। क्योंकि 105 कांग्रेस विधायकों के अलावा सरकार के पास 2 CPIM, एक राष्ट्रीय लोक दल (RLD) और 13 में से 10 से ज्यादा निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वर्तमान में बहुमत के लिए 99 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है।

 

खबर 2 –  आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी का अधिकार देने के विरोध में एलोपैथी डॉक्टरों की सांकेतिक हड़ताल दी चेतावनी कहा मांगे नहीं मानी ताे काम बंद

Udaipur. आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी करने के अधिकार दिए जाने के विरोध में एलोपैथी के डॉक्टरों द्वारा आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के आह्वान पर शुक्रवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत जिले में एलोपैथी डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम किया। डॉक्टरों का कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो जल्द ही काम बंद हड़ताल की जाएगी। हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेगी। आईएमए जिला सचिव डॉ. दलजीत यादव ने बताया कि हड़ताल के दौरान सभी गैर जरूरी और गैर कोविड सेवाएं बंद रहेंगी। शुक्रवार को सभी डॉक्टर्स ने सांकेतिक हड़ताल के तहत सुबह अपनी-अपनी बांह पर काली पट्टी बांधी और ओपीडी, इमरजेंसी व वार्डों में सेवाएं देने पहुंचे। सचिव डॉ. यादव ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडिया मेडिसन की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया था कि आयुर्वेद चिकित्सक भी अब जनरल और आर्थोपेडिक सर्जरी के साथ नाक, कान, गला आदि की सर्जरी कर सकेंगे। डॉ. यादव ने बताया कि इससे मिक्सोपेथी को बढ़ावा मिलेगा, जो सही नहीं हैं। यह आयुर्वेदिक डॉक्टरों का विरोध न होकर निर्णय का विरोध है। विरोध प्रदर्शन करने वालों में सचिव डॉ. दलजीत यादव, पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल, डॉ. गोकुल प्रजापति, डॉ. वीएस दास, डॉ. राजेश सरैया, डॉ. प्रवीण जैन, डॉ. गौरव यादव, डॉ. संतोष यादव, डॉ. कल्पेश जैन, डॉ. मिसिल जैन, डॉ. घनश्याम शेखावत तथा डॉ. प्रभास भावसार आदि शामिल हुए।

 

खबर 3 – 700 वाहनों की फिटनेस नहींरिन्युअल नहीं कराया ताे कार्रवाई

Udaipur.  परिवहन विभाग द्वारा सभी ऐसे वाहनों जिनका फिटनेस 1 फरवरी के बाद समाप्त हो चुका है तथा नवीनीकरण नहीं कराया है, के स्वामियों को अपने वाहनों का फिटनेस 31 दिसंबर तक कराने के लिए निर्देशित किया है। जिला परिवहन अधिकारी एनएन शाह ने बताया कि जिले में करीब 700 ऐसे वाहन हैं, जिनका फिटनेस समाप्त हो चुका है और जिन्होंने केन्द्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन अनुसार ऐसे सभी वाहन स्वामी जिनके वाहनों के फिटनेस 1 फरवरी के बाद समाप्त हो गए थे तथा कोविड के कारण उनकी वैधता 31 दिसम्बर तक मान्य की गई थी, ऐसे सभी वाहन स्वामियों को अपने वाहनों का फिटनेस 31 दिसंबर से पूर्व करा लेने के लिए निर्देशित किया है। आगामी दिनों में इन वाहनों के विरूद्ध अभियान चला कर कार्रवाई की जाएगी।

 

खबर 4 – खूब जम रही है सुर और ताल ,कांग्रेस ने भाजपा की सूर्या काे जिला प्रमुख बनाया ताे अब भाजपा ने उप जिला प्रमुख के लिए कांग्रेस काे दिया समर्थन

Udaipur राजनीति का नीतियां अवसरों के साथ बदलती रहती है। यहां गुरुवार काे कांग्रेस के समर्थन से भाजपा की सूर्या देवी जिला प्रमुख बनी। कांग्रेस की सुरता परमार ने निर्दलीय के रूप में अपना आवेदन किया तो भाजपा ने साथ दिया और कोई आवेदन ही नहीं किया। सुरता काे 14 और बीटीप समर्थित मोहम्मद सलीम काे 13 वाेट मिले। चाैंकाने वाली बात यह कि 27 सदस्याें वाले बाेर्ड में कांग्रेस के सिर्फ 6 सदस्य जीते थे। भाजपा के 8 सदस्याें ने कांग्रेस की ओर से निर्दलीय फार्म भरने वाली सुरता परमार काे वाेट किया। ऐसे में 13 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बीटीपी जिला परिषद में न अपना जिला प्रमुख बना पाई और न ही उप जिला प्रमुख। सुबह सुरता के अलावा बीटीपी से मोहम्मद सलीम सई और सुरमाल राेत ने भी निर्दलीय के रूप में आवेदन किया। बाद में सुरमाल राेत ने नाम वापस ले लिया। सुरमा परमार काे बल्ला और मोहम्मद सलीम काे जैकेट चुनाव चिह्न दिया गया। मतदान के लिए सबसे पहले कांग्रेस के जीते उम्मीदवार वाेटिंग के लिए भाजपा की कार में बैठकर आए। थाेड़ी देर बाद बीटीपी के उम्मीदवारों ने अपना मतदान किया। वहीं अंत में भाजपा के उम्मीदवारों ने वाेटिंग किया। वहीं जिले में कांग्रेस के 3, भाजपा, और निर्दलीय के 2-2 और बीटीपी के 3 उपप्रधान बने। जिसमें कांग्रेस के डूंगरपुर में गुलाबसिंह चौहान, बिछीवाड़ा में लालशंकर पंडवाला और सागवाड़ा में नरेश पाटीदार,भाजपा के गलियाकोट में कमला देवी और आसपुर में सुरेंद्रसिंह उप प्रधान बने। वहीं सीमलवाड़ा में निर्दलीय सीता अहारी, साबला में भाजपा की बागी वक्तु देवी और झाैथरी में बीटीपी समर्थित निर्दलीय तारा सरपाेटा और चिखली में बदाराम डामाेर उपप्रधान बने। बीटीपी के जिला प्रमुख की दाैड़ में पिछड़ने के बाद शुक्रवार काे उप जिला प्रमुख के चुनाव में काेई भी बड़ा पदाधिकारी उम्मीदवारों के साथ नहीं दिया। गुरुवार काे जहां चौरासी विधायक राजकुमार राेत स्वयं कलेक्ट्रेट तक अपने वाहन में लेकर आए थे। वहीं शुक्रवार काे बड़ा पदाधिकारी नहीं था। जिसके कारण बीटीपी उम्मीदवारों के चेहरों से खुशी गायब रही। वहीं मतदान के बाद रिजल्ट आते ही उम्मीदवार भी चुपचाप अकेले ही निकल गए।

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