उदयपुर १२ अगस्त (का.स.) मोहनलाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के चुनाव इस बार चारों दमदार प्रत्याशियों की वजह से रोचक और कड़ी टक्कर के होगये है |राजनेतिक दलों से सम्बंधित छात्र संगठनों का पूरा सहयोग शहर के और गाँव ढाणियों तक के नेता और जनप्रतिनिधि दे रहे है | दुसरे छात्र संगठन भी अपनी पूरी ताकत लगाये हुए है |

 

जंग जारी है हर एक ताकतवर है किसी के पास पैसे की ताकत तो किसी की पास साथियों की ताकत हर कोलेज और चुनावी कार्यालय जंग का मैदान और अखाडा बने हुए है , हर निति अपनाई जारही है कहीं प्रतिष्ठा का सवाल है तो कही झीत की हेट्रिक बनाने का जोश है कुछ एसा ही माहोल है छात्र संघ के चुनावों का जिसके रंग में कोलेज के छत्र तो रंगे हुए है ही शहर के भी कई बड़े नेता और ओद्योगिक लोगो की नज़रें टिकी हुई है और वे भी खुद को इसका हिस्सा बनाने से नहीं चुक रहे है |

पिछले दो सालों से छात्र संघों के चुनाव में छात्र संघर्ष समिति का दबदबा रहा है अपने चुनावी अजेंडे और छात्रों के बिच अच्छी पैठ के चलते पिछले दो सालों से सी एस एस के प्रत्याशी विजयी होते आये है और इसी के चलते सबसे पावर फुल स्थिति में है | कई छात्र ग्रुप का साथ होना और हमेशा छात्र हितों के लिए लड़ना सी एस एस की झीत की मुख्य वजह हो सकती है |और इस बार सी एस एस का प्रत्याशी दीपक शर्मा अपनी स्वच्छ छवि और छात्र हितो के लिए अग्रसर रहने के कारण मजबूत स्थिति मई है | अगर परिवर्तन की लहर नहीं चली तो फायदा सी एस एस को हो सकता है |

इधर पानी की तरह पैसा बहा कर सबसे ज्यादा चर्चा में एबी वि पि के पंकज बोराना है अपने कोमर्स कोलेज के सफलम अध्यक्षी कार्यकाल की वजह से छात्र संघ अध्यक्ष के प्रमुख दावेदार मने जा रहे है और पुराने कार्यकर्ता टीमो का जुड़ना भी ए बी वि पि के लिए सुख दायक है साथ ही सम्बंधित राजनेतिक दल की पूरी सक्रियता और जिनेन्द्र शाश्त्री जेसे युवा नेता का पूरी तरह से प्रचार में साथ होना पंकज के लिए लाभदायक हो सकता है |

डी एस एस के प्रत्याशी अजितेश राय भी अपनी स्वच्छ छवि के कारण छात्रों में काफी मशहूर है | साथ ही दिलीप सिसोदिया की आर्स कोलेज में अच्छी पैठ के चलते अजितेश को फायदा होने की उम्मीद है अगर कोमर्स और साइंस में इन्होने अपने प्रचार में पूरा जोर लगाया तो समीकरण बदल सकते है |

सत्तारुड राजनेतिक दल के छात्र संगठन एन एस यु आई की स्थिति आपस के झगड़ो और मनमुटाव के चलते कुछ कमज़ोर है लेकिन फिर भी अगर प्रमुख कार्यकर्ता अगले कुछ दिनों में सहायता कर सकते है तो स्थिति मजबूत होगी |

 

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