Young men and women holding mobile phonesउदयपुर। इन दिनों मोबाइल पर चंद मिनटों की बात करने के लिए तीन से चार बार कॉल लगानी पड़ रही है। यह कॉल कटने (ड्राप) का सिलसिला इन दिनों हर मोबाइल नेटवर्क पर हो रहा है, यानी जहां एक कॉल का शुल्क लगना होता है, वही यूजर्स को तीन से चार कॉल का शुल्क देना पड़ रहा है। यह सिलसिला शहर ही नहीं पूरे प्रदेश में चल रहा है। कॉल ड्राप के इस खेल से कंपनियां यूजर्स की जेब पर सीधा डाका डाल रही है।

दरअसल मोबाइल ऑपरेटर्स ने अपनी ज्यादा कमाई के लालच में कॉल ड्राप कर कमाई की एक पतली गली निकाली है। जिसमें शिकायत करने पर भी यूजर्स के हाथ कुछ नहीं लगता, क्योंकि कंपनियां या तो नेटवर्क का बहाना या फिर मोबाइल टॉवर (बीटीएस) कम होने का तर्क देती है। इस बढ़ती हुई समस्या को ट्राई ने भी माना है, लेकिन वहां शिकायत करने पर भी यही जवाब आता है कि आप अपने मोबाइल ऑपरेटर्स को शिकायत करें या फिर ट्राई की साइट पर शिकायत दर्ज कराएं।

शहर में मुख्य रूप से आठ मोबाइल ऑपरेटर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ता जोडऩे की प्रतिस्पर्धा के चलते कॉल दर में इजाफा तो कर ही नहीं सकते, बल्कि उपभोक्ता को लुभाने के लिए नए-नए ऑफर देने पड़ते हैं। ऐसे में उपभोक्ता तो बढ़ जाते हैं, लेकिन कमाई का टारगेट पूरा नहीं हो पाता और उसी कमाई के ग्राफ को बढानेे के लिए ऑपरेटर्स ने यह नई पतली गली निकाली है। समस्या बताने पर कोई भी मोबाइल ऑपरेटर्स अधिकारिक बयान नहीं देता, बस नेटवर्क या मोबाइल टॉवर का तर्क देते नजर आते हैं। ज्यादा पूछने पर अपने हेड ऑफिस के अधिकारियों से बात करने का कहकर बात काट देते हैं।

लूट का है यह खेल

एक कॉल की दर 40 पैसे है, यदि आप को अपने मित्र या परिचित से कोई बात करने में 30 से 40 सैकंड का समय लगता है, तो आप को हिसाब से 40 पैसे चुकाने हैं, लेकिन कॉल करते समय 15 से 20 सैकंड में कॉल कट जाती है, और आपको अपनी पूरी बात करने के लिए तीन से चार बार कॉल करनी पड़ती है, तो फिर आपको 40 पैसे की जगह एक रुपया 60 पैसा भरना होता है।

ट्राई का सर्वे भी काम का नहीं

ट्राई की राजस्थान शाखा की ओर से पिछले दिनों सर्वे शुरू कराया गया है। इसमें उपभोक्ताओं से मोबाइल ऑपरेटर्स की सेवाओं के बारे में पूछा जाएगा। इसमें कॉल ड्राप की समस्या भी शामिल है, लेकिन मौजूदा उपभोक्ताओं को अभी इस समस्या से छुटकारा मिलने की उम्मीद नहीं है। क्योंकि इस सर्वे की रिपोर्ट पहले दिल्ली जाएगी और फिर वहीं से कोई कार्रवाई हो पाएगी।

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