vijayashanti_policeउदयपुर, गर्ल्स के साथ देश में बढती अपराधिक प्रवार्तियाँ बढ़ने के साथ ही राज्य में राजस्थान पुलिस का स्पेशल प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है।जिसमे स्कूल कोलेज में पढने वाली गर्ल्स की समस्या को गोपनीय रखते हुए उसका समाधान किया जायेगा। राजस्थान पुलिस का यह प्रयास है। कि स्कूल, घर, कॉलोनी, कम्यूनिटी या फिर किसी भी जगह। गल्र्स किसी भी तरह की समस्या से परेशान हैं तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। अपराध का डटकर सामना करें, क्योंकि आपकी हैल्प करने के लिए अब राजस्थान पुलिस की ओर से स्पेशल टीम होगी। इसके जरिए स्टूडेंट की प्रॉब्लम्स को गोपनीय रखते हुए सॉल्व की जाएगी। इसके लिए प्रोजेक्ट नो यूआर पुलिस (केवाईपी) और नो यूआर स्टूडेंट (केवाईएस) पायलट प्रोजेक्ट शुरू होंगे ।
इसके तहत शहर के सभी थानों में तीन-तीन पुलिसकर्मियों की टीम बनाई जाएगी। इनमें गल्र्स की बात सही ढंग से समझने के लिए 2 महिला अवश्य हैं।

ऐसे शुरू हुआ प्रोजेक्ट:
इसे शुरू करने से पहले डीजीपी हरीशचंद्र मीना ने जयपुर में स्वयं स्कूल संचालकों और विशेषज्ञों की 8 फरवरी को मीटिंग की थी। उसके बाद हर तीन सदस्यों का चयन इंटरव्यू से किया गया। उन्हें 26-28 फरवरी को पै्रक्टिकल और साइकोलॉजी बिहेवियर की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई। समर वेकेशन में भी ये टीम स्कूल फैकल्टीज और स्टाफ से लगातार मिल रही है।अब यह टीम जयपुर शहर के 18 सर्किल स्टेशन के 19 थानों पर सफलता पूर्वक कार्य कर रही है। जिसकी सफलता के बाद राज्य के अन्य शहरों में भी जल्द लागू कर दिया जायेगा जिसमे उदयपुर मुख्य है ।

ऐसे काम करेगी टीम

इस टीम के सदस्य अपने सर्किल के स्कूलों में जाकर स्टूडेंट से एक कॉन्फ्रेंस के जरिए मिलेगें। इसमें गल्र्स को पुलिस डिपार्टमेंट की जानकारी देने के साथ passingout1_080611023342उनके कॉन्फिडेंस बढ़ाते हुए गोपनीय रूप से समस्या सुनेगें। फिर अपना कॉन्टेक्ट नंबर उन्हें देते हुए उन्हें यह भरोसा दिलाया जायेगा की कोई भी समस्या आये इस नंबर पर कभी कॉल किया जा सकता है।

मुख्य उद्देश्य :
देश के साथ शहरों में भी गर्ल्स के साथ तरह तरह के अपराध और शोषण सामने आरहे है। जिनमे अधिकतर गर्ल्स के स्कूली छात्र होने और पुलिस के व् अन्य घरवालों के डर से सामने नहीं आते कई बार गर्ल्स पर घरेलु हिंसा या परिवार में ही कई तरह से शोषण किया जाता है। और स्कूली गर्ल्स अपने डर की वजह से किसी से कह नहीं पाती ऐसी ही समस्याओं से निपटने और ऐसे अपराधों को कम करने कि नियत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है ।

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