taiyebiyah school, udaipur

उदयपुर। देहलीगेट पर बोहरा समाज के तैयबियाह हाई स्कूल की ५१०० वर्गफीट जमीन सात करोड़ रुपए में बेच दी गई है। इस अवैध बेचान में समाज के नेता और सरकारी अधिकारी शामिल है। पता चला है कि इस जमीन का कागजों में सौदा सात करोड़ में हुआ है, जबकि पर्दे के पीछे हुए लेन-देन में करोड़ों रुपए समाज के नेता और सरकारी अफसरों ने बांट लिए। यह संपत्ति वक्फ बोर्ड की सूची में १०६-१०७ नंबर पर दर्ज रजिस्टर है, जिसे इस तरह बेचना गैर कानूनी है।
बेची गई संपत्ति को तैयबियाह हाई स्कूल का अंतरंग भाग क्रबंगला पुख्ताञ्ज के नाम से जाना जाता है। पता चला है कि यह बेचान पूरी योजना का पहला कदमTayaBaya-School-182x300 हैं। समाज के कर्ता-धर्ता इस समूची संपत्ति को हड़पने की फिराक में हैं। उन्होंने स्कूल को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। स्कूल के विक्रय से प्राप्त सात करोड़ रुपए नये स्कूल भवन के निर्माण पर खर्च किए जाने का प्लान बताया जा रहा है। यह संपत्ति महाराणा भूपालसिंह ने बोहरा समुदाय की कन्याओं की शिक्षा के लिए २१ जुलाई १९३५ को निशुल्क प्रदान की थी। भू-आबंटन पट्टे में यह स्पष्ट किया गया है कि जमीन केवल कन्या शिक्षा के लिए ही काम में ली जाएगी। किसी को हस्तांतरित नहीं की जा सकेगी। न ही रेहन, बेह, बख्शीस की जा सकेगी। यहां तक कि किराए भी नहीं दी जा सकेगी। पट्टे में यह चेतावनी भी अंकित है कि ऐसा पाए जाने पर भूमि मय बिल्डिंग जब्त कर ली जाएगी। यह उस समय की बात है, जब बोहरा समुदाय एकजुट था। उसके बाद यूथ और शबाब धड़े बन गए। इस हिसाब से इस संपत्ति पर दोनों धड़ों का स्वामित्व है। इस सबके बावूजद वक्फ की इस संपत्ति के बेचान को कानूनी जामा पहनाने के लिए एक अगस्त, २०१३ को नगर के एक समाचार पत्र में अंग्रेजी में क्रएक्सप्रेस ऑफ इंट्रेस्टञ्ज शीर्षक से एक विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई, जो कि पढऩे में भी नहीं आ रही थी। मामले का पता चलते ही यूथ गुट के जागरूक व्यक्तियों ने वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी को सारा मामला भेजा, लेकिन वहां से अब तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है। यह हलचल होने पर समाज के सफेदपोशों ने विघ्न के अंदेशे को देखते हुए शिया दाउदी बोहरा जमात की ओर से आनन-फानन में गत १८ सितंबर, २०१३ को यह सामुदायिक जमीन सात करोड़ रुपए में गुपचुप बेच दी। वक्फ अधिनियम के अनुसार कोई भी संपत्ति जरिए नीलामी ही बेची जा सकती है, लेकिन इसे मार्केट वेल्यू ओर डीएलसी से कम दर में बेचकर सरकार को भी चूना लगाया गया है। पंजीयक ने भी मौका निरीक्षण न कर कम से कम १५ लाख रुपए की सरकारी आय का नुकसान किया है। रजिस्ट्री में विक्रेता डॉ. सैयदना की ओर से हकीमुद्दीन खापोलीवाला और खरीददार जूजरअली पिता शेख अब्दे अली जाकिर निवासी मोती मगरी स्कीम उदयपुर हैं।

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