३१ जनवरी की रात्रि को ही कर दी थी हत्या

उदयपुर, । बहुचर्चित शेखर पांचाल हत्याकांड में गिरफ्त में आए मुख्य आरोपी प्रदीप सिंह भाटी ने शेखर को धार्मिक स्थान उबेश्वरजी में बेसबॉल से पीट-पीटकर जान से मारने का खुलासा किया है। अत्यधिक रक्त स्त्राव के कारण शेखर ने दम तोड दिया। इसके बाद आरोपी अपने घर कोटा चला गया था। जहां पर शव को ठिकाने लगाकर वह फरार हो गया था। हालांकि अभी भी आरोपी को लगातार गुमराह कर रहा है। पुलिस आरोपी से सख्ती से पूछताछ कर रही है। पुलिस इस आरोपी को शाम को उबेश्वरजी ले जाकर घटनास्थल की तस्दीक भी करवाई है।

कोटा से सोमवार शाम को उदयपुर लाने के बाद पुलिस ने इस आरोपी को न्यायालय में पेश कर १२ फरवरी तक रिमाण्ड पर प्राप्त किया है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी से रात भर पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह २७ दिसम्बर को ही उदयपुर आ गया था तथा शेखर के चचेरे भाई हर्षित के घर पर रूका था। आरोपी के उपर करीब ५० से ६० लाख रूपए का कर्जा था तथा सभी कर्जेदारों को उसने ३१ दिसम्बर को सारा कर्जा चुकाने का आश्वासन दिया था। प्रदीप ने बताया कि उदयपुर आने के दूसरे ही दिन २९ दिसम्बर को शेखर डूंगरपुर चला गया था। जिससे उसे निराशा हुई थी। आरोपी ने शेखर को फोन किया तथा पुन: उदयपुर बुलाया था। शेखर ३० की रात्रि को उदयपुर आ गया था। ३१ दिसम्बर को प्रदीप ने शेखर को फोन किया तथा शहर में घूमने की योजना बनाई तथा दोपहर को शेखर को अपने साथ कार में लेकर चला गया। दिनभर आरोपी अपने साथ शेखर को लेकर घूमता रहा। शाम को दोनों उबेश्वरजी की ओर चले गए। रास्ते में दोनों ने शराब पी। उबेश्वरजी में सुनसान क्षेत्र में प्रदीप ने कार में खराबी का बहाना बनाया तथा कार का बोनट खोलकर ठीक करने का नाटक करने लग गया।

यह देखकर शेखर भी उसके पास जाकर खडा हो गया। आरोपी ने मौका देखकर कार में रखा बेसबॉल का डण्डा निकाला तथा शेखर हमला कर दिया। सिर में कई वार करने के कारण शेखर की मौके पर ही मौत हो गई। यह देखकर आरोपी ने शेखर के शव को कार में र्पीछे की सीट पर डाला तथा कोटा की ओर लेकर रवाना हो गया। आरोपी प्रदीप १ जनवरी को कोटा के दादाबाडी स्थित अपने घर पहुंचा। जहां पर आरोपी ने कार को अपने घर में खडी कर दी तथा घर में जाकर सो गया। सुबह ३ बजे आरोपी प्रदीप पुन: उठा तथा कार को लेकर रवाना हो गए। कोटा में ही एक स्थान पर कार को खडा कर दिय तथा रेल से जयपुर की ओर रवाना हो गया। सुबह ९ बजे जयपुर पहुंच गया। जहां से पुन: कोटा के लिए रवाना हो गया तथा शाम को ४ बजे कोटा पहुंच गया। आरोपी पुलिस कार के पास गया तथा कार को लेकर सीधा नान्ता नहर गया बोरे में बंद शव को नहर में डाल दिया।

कार को अपने मित्र के घर पर खडी की तथा फिर से रवाना हो गया। जिसके बाद वह विभिन्न स्थानों से होता हुआ हरिद्वार पहुंचा। जहां पर एक दिन रहने पेे* बाद आरोपी ने आत्महत्या का झूठा नाटक करने की योजना बनाई तथा झूठा सुसाईड नोट लिखकर बैग में रखकर छोड दिया। इसके बाद देश के विभिन्न स्थानों पर घूमता रहा। पैसों के खत्म होने के कारण वह ३ फरवरी को कोटा पहुंचा जहां पर एक दिन तो दादाबाडी में घूमा। एक दिन झालावाड चला गया। उसके बाद पुन: कोटा आया तो पुलिस को सूचना मिली तथा उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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