rajiv-gandhiनई दिल्ली। पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के तीन दोषियों की मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उम्रकैद में बदल दिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र की उस दलील को नहीं माना जिसमें उसने कहा था कि सजा देने में विलंब प्रक्रिया के तहत ही हुआ है। राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका के निस्तारण में हुई देरी का हवाला देते हुए तीनों ने फांसी की सजा माफ करने की गुहार लगाई थी।
मुख्य न्यायाधीश पी. सतशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ इस पर आज अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने चार फरवरी को हत्याकांड के तीन दोषियों सांतन, मुरुगन और पेरारिवलन के खिलाफ फैसला सुरक्षित रख लिया था। केंद्र सरकार ने दोषियों की याचिका का यह कहते हुए कड़ा विरोध किया था कि दया याचिका के निस्तारण में देरी का हवाला देकर मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट माफ नहीं कर सकता।
सरकार ने माना है कि दया याचिकाओं पर फैसला लेने में देरी हुई है। हालांकि उसका यह भी कहना है कि यह देरी अनुचित और बिना कारण नहीं है। दोषियों की ओर से अदालत में हाजिर होने वाले वकील ने कहा कि सरकार की ओर से दया याचिकाओं के निपटारे में हुई देरी से इन लोगों को अत्यधिक मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ा है। लिहाजा, सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप कर इनकी सजा को उम्रकैद में तब्दील करना चाहिए। दोषियों ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि उनके बाद भेजी गई दया याचिकाओं का तो सरकार ने निस्तारण कर दिया, लेकिन उनकी याचिकाएं अटका कर रखी गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2012 में राजीव गांधी के हत्यारों की याचिकाओं की सुनवाई का निर्णय किया था और मद्रास हाई कोर्ट को लंबित याचिकाएं उसके पास भेजने का आदेश दिया था।

Previous articleनमो चाय के जवाब में कांग्रेस का ‘राहुल मिल्क
Next articleगुजराती दंपती से पर्स छीना

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here