Udaipur computer traders assosiation-1 (1)उदयपुर | ऑनलाइन खरीददारी का बढ़ता व्यापार और कंप्यूटर सहित अन्य उत्पादों की ऑनलाइन खरीद व् उत्पाद निर्माताओं द्वारा ऑनलाइन कंपनियों और डीलरों के बीच कीमतों के भेद भाव के खिलाफ आईटी से जुड़े व्यापारियों ने मोर्चा खोल दिया और मंगलवार को विरोध स्वरुप आईटी से जुड़े सभी संस्थान और दुकाने बंद रख कर जिला कलेक्ट्री पर प्रदर्शन किया तथा ऑनलाइन कंपनियों पर सरकार की लगाम और क़ानून के दायर में लेने की मांग की है |
उदयपुर कम्प्यूटर्स टे्रडर्स एसोसिएशन के आव्हान पर आज उदयपुर के सभी कम्प्यूटर टे्रडर्स कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रख काली पट्टी बांध रखकर जिला कलेक्ट्री पर विरोध प्रदर्शन किया तथा बाद में वािणज्य कर विभाग के अधिकारियों को ऑन लाईन कम्पनियेंा को कानून के दायरे में लाने सहित विभिन्न मांगो को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। बाद में विज्ञान भवन में पत्रकार वार्ता में उदयपुर कम्प्यूटर्स टे्रडर्स एसोसिएशन के विकास अग्रवाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षो में ये ऑनलाईन कम्पनियों अपने वित्तिय खातों में अरबों रूपयों का नुकसान बताने के बावजूद जनता को बाजार दर से काफी कम दर पर जनता को उत्पाद उपलब्ध करा रही है। ऑनलाइन कंपनियां विदेशी निवेश के सन्दर्भ में बने कानूनों का खुले आम उल्लघंन कर रही इन ऑनलाईन कम्पनियों के वित्तिय लेखा परीक्षण कराया जाना चाहिये ताकि कालेधन की रोकथाम के साथ-साथ हो रही राजस्व की हानि को भी रोका जा सकें।
इस अवसर पर अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि उदयपुर कम्प्यूटर टे्रडर्स एसोसिएशन यह मांग करती है कि उत्पाद निर्माता कम्पनियंा अपने उत्पाद की मार्केट ऑपरेटिंग प्राईज़ व अधिकतम खुदरा मूल्य को चैनल व ऑनलाइन पर समान रखें। पवन कोठारी ने बताया कि सभी प्रकार के उत्पाद बनाने वाली कम्पनियां अपने उत्पाद की होने वाली ऑनलाईन बिक्री पर अपना निगरानी दल बनाया जाएं तथा दोषी पायी जानी ऑनलाईन कम्पनियों पर तुरंत कार्यवाही होनी चाहियें। सभी ऑनलाईन कम्पनियों द्वारा बेचे जाने वाले माल की कंपनी की वारंटी या गांरटी की सघन जांच हो।
अरूण लाहोटी ने बताया कि इन ऑनलाईन कम्पनियों द्वारा पिछले कुछ समय से लेपटॉप, कम्प्यूटर,मोबाईल, एवं अन्य महंगे इलेक्ट्रोनिक उपकरण बिना किसी अन्तर्राज्यीय फार्म या बिल का माल सीधा उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है,जिससे सरकार को प्रतिमाह करोड़ों रूपयें के बिक्री कर के रूप में प्राप्त होने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है। ऑनलाईन कम्पनियों द्वारा बिना कर चुकाये उपभोक्ताओं को 5 से 15 प्रतिशत सस्ते में सीधे माल पंहुचाया जा रहा है। जिसका सीधा प्रभाव छोटे-बड़े कारोबारियों व सेल्समेनों के करीब 50 हजार परिवारों पर पड़ा है। इनकी आजीविका पर भी संकट गहरा गया है।
नरेन्द्र पिछोलिया ने बताया कि एसेासिएशन ने सरकार से मांग की कि जिस प्रकार से व्यापारियों के लिए रोड़ परमिट बना हुआ है ठीक उसी प्रकार से यदि उपभोक्ताओं के लिए भी रोड़ परमिट बनाने का प्रावधान होना चाहिये ताकि कारोबार में उपभोक्ताओं की भी जवाबदेही बनेगी।

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Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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