राजस्थान के हज़ारों विद्यार्थी मित्र जो नियमित होने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे है अब उनका सपना एक बार फिर टूट गया है . चुनावी मोसम में जो उन्हें उम्मीद बंधी थी राजस्थान सरकार के मंत्री के सदन में साफ़ मुकर जाने के बाद वो उम्मीद चकना चूर हो गयी है .दैनिक अखबार दैनिक भास्कर में 4 मार्च को छापी एक ख़ास रिपोर्ट के अनुसार नियमित होने का वर्षों से संघर्ष कर रहे विद्यार्थी मित्रों का सपना अब एक फिर चकना चूर हो गया है . भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि विद्यार्थी मित्रों को उम्मीद थी कि चाहे देर-सवेर ही सही, मौजूदा भाजपा सरकार उन्हें जरूर सरकारी सेवा में नियमित करेगी। इसके पीछे कारण भी था। बीते विधानसभा चुनाव में उतरते समय भाजपा के सुराज संकल्प पत्र में दो जगह विद्यार्थी मित्रों को नियमित किए जाने का भरोसा दिलाया गया था। लेकिन इसी बजट सत्र में संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ विधानसभा में इस बात से साफ मुकर गए।
राठौड़ ने विधानसभा में यह कहा कि सुराज संकल्प पत्र में भाजपा ने यह कभी नहीं कहा कि विद्यार्थी मित्रों और अन्य को सरकारी नौकरी देंगे। ऐसे में अब विद्यार्थी मित्रों की नियमित होने की रही-सही उम्मीद भी खत्म हो गई है।

विपक्ष में सताती है पीड़ा, सरकार में आते ही भूल गए
विद्यार्थी मित्रों के मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां विपक्ष में तो खूब पीड़ा जताती हैं लेकिन सरकार में आते ही अपने वादे भूल जाती हैं। 27 मार्च, 2012 को मौजूदा गृहमंत्री और तत्कालीन विधायक गुलाबंचद कटारिया ने विधानसभा में कहा कि ‘मैं सिर्फ भाषण के लिए ही नहीं बोल रहा हूं बल्कि अपनी अंत: पीड़ा से बोल रहा हूं। चार-चार हजार रुपए की नौकरी करके क्या कोई विद्यार्थी मित्र अपने बच्चों को दूध पिला सकता है। उसके बच्चों की पीड़ा आप समझते हो। वह किराए के मकान में कैसे रहता है और कैसे जीवन गुजारता है। शादी की होगी, बाल-बच्चे होंगे। आप सलेक्शन करते नहीं, शिक्षकों के 80 हजार से ज्यादा पद खाली हैं।’ उसी दिन कालीचरण सराफ ने कहा था कि विद्यार्थी मित्रों पर लाठियां बरसाना सरकार की संवेदनहीनता है। शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे विद्यार्थी मित्रों पर आधी रात को लाठियां बरसाकर इस सरकार ने अन्याय किया है। विद्यार्थी मित्रों की मांगंे जायज हैं, सरकार उनकी मांगें नहीं मानकर अन्याय कर रही है।

सुराज संकल्प पत्र में दो जगह नियमित करने का दावा 

भाजपा के सुराज संकल्प पत्र के पृष्ठ संख्या 37 पर कर्मचारी कल्याण के बिंदु संख्या 5 में यह कहा गया है कि जनता जल योजनाकर्मी, प्रेरक, विद्यार्थी मित्र, वन मित्र, पैराटीचर, मदरसा पैराटीचर, शिक्षा कर्मी और लोक जुंबिश कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति बनाई जाएगी।
इसी तरह सुराज संकल्प पत्र के पृष्ठ संख्या 31 पर शिक्षा के बिंदु संख्या 10 में यह हवाला दिया गया था कि राज्य में कार्यरत विद्यार्थी मित्र, शिक्षाकर्मी, शिक्षा मित्र, संविदा शिक्षक, अतिथि शिक्षक, अंश कालिक शिक्षक, प्रबोधक इत्यादि प्रकार से कार्यरत शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

इनका कहना 

भाजपा ने सुराज संकल्प पत्र में विद्यार्थी मित्रों को नियमित करने का वादा किया था अब वादा-खिलाफी कर रही है। – नरेंद्र चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान विद्यार्थी मित्र संगठन
शिक्षा मंत्री का कहना 

यह गलत है कि हमने वादा नहीं निभाया। हमने अधिकांश विद्यार्थी मित्रों को नौकरी दी है। जो बचे हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत दिलाएंगे।
-वासुदेव देवनानी

SOURCEदैनिक भास्कर 4 मार्च २०१८
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