-भाजपा देहात जिलाध्यक्ष शक्तावत और पुलिस अधिकारियों पर ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
-दो घंटे तक बांधे रखा ग्रामीणों ने, बाद में पुलिस छुड़ाकर ले गई

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उदयपुर। पुलिस और भू-माफियाओं की सांठ-गांठ से तंग ग्रामीणों ने आज सुबह कानून को अपने हाथ में लेते हुए एक भूमिखोर को गांव के बीच लोहे के पोल से बांधकर सबक सिखाया है। ग्रामीणों ने यह बता दिया है कि अब भोले-भाले आदिवासियों की जमीन IMG-20141210-WA0006हड़पने वालों के साथ ऐसा ही होगा और वो दिन भी दूर नहीं जब भारी संख्या में लोग एकजुट होकर भ्रष्ट अधिकारियों को भी इसी तरह सरेआम बंधक बनाकर दंडित करेंगे। बलीचा के देवाली गांव में आज सुबह ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों से सांठ-गांठ रखने वाले धोखाधड़ी के आरोपी भूमाफिया कमलसिंह को ग्रामीणों ने दबोचकर एक लोहे के पोल से बांध दिया। इसकी शिकायत गोवर्धनविलास थाने पहुंचने पर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। समझाइश करके भूमाफिया को छुड़ाया और थाने ले गए, जहां ग्रामीणों ने पुलिस के समक्ष पूर्व गिर्वा डिप्टी गोवर्धनविलास थानाधिकारी पर घूस लेने के आरोप लगाए हैं। साथ ही यह भी आरोप है कि भाजपा देहात जिलाध्यक्ष पर भी आरोप लगाए कि वह उक्त भूमिखोर का साथी है, जो पुलिस अधिकारियों से लाइजनिंग का काम करता है।
सूत्रों के अनुसार हिरणमगरी सेक्टर १४ निवासी कमलसिंह पुत्र मदनसिंह राजपूत आज सुबह बलीचा गांव में घूम रहा था। इसी दौरान ग्रामीणों ने उसे देखा और उसे दबोच लिया। बाद में ग्रामीण कमलसिंह को रामजी गमेती की किराणा की दुकान पर ले गए, जहां रस्सी से कमलसिंह को लोहे के पोल के बांध दिया। करीब दो घंटे तक कमलसिंह वहीं पर बंधा रहा। इसकी सूचना गोवर्धनविलास थाने पहुंची, तो पुलिस ग्रामीणों को समझाइश करके कमलसिंह को छुड़ा ले गई। आरोप है कि एक वर्ष पूर्व कमलसिंह ने नारूजी पुत्र प्रह्लाद गमेती एक बीघा जमीन ६५ लाख में खरीदी थी। उस दौरान कमलसिंह ने नारूजी को १२ लाख ८० हजार रुपए दिए थे, लेकिन बकाया रकम को लेकर मेवाड़ आंचलिक ग्रामीण बैंक के १७ चैक दिए थे। नारूजी पिछले एक साल से बकाया रकम का तकाजा कर रहा था, लेकिन कमलसिंह उसे चक्कर दे रहा था। साथ ही कमलसिंह ने एक बीघा से लगी आठ बिस्वा जमीन भी अपने नाम धोखे से करवा ली थी। इसको लेकर भी दोनों के बीच अनबन चल रही थी। इसी प्रकार गांव के देवीलाल पुत्र मिठूलाल की एक बीघा जमीन में से दो हजार स्क्वायर फीट जमीन कमल ने खरीदी थी। इसकी एवज में दो लाख रुपए तो देवीलाल को दे दिए, लेकिन तय राशि आठ लाख हुई थी और छह लाख के लिए देवीलाल को चक्कर कटवा रहा था। इससे नाराज ग्रामीणों ने कमलसिंह को बांध दिया।
पुलिस अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप : कमलसिंह को ग्रामीणों द्वारा बांधे जाने के दौरान कम्युनिस्ट नेता मेघराज तावड़ भी वहां पहुंच गए, जहां ग्रामीणों ने कमलसिंह के साथ ही पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगाए। पीडि़त नारूजी का कहना है कि कमलसिंह के खिलाफ उसने गोवर्धनविलास थाने में ५२ लाख की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। नारूजी का आरोप है कि इस मामले में कमलसिंह ने पुलिस को भारी घूस खिलाई थी।
ग्रामीणों की तरफ से कमल सिंह पर और कमल सिंह द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट करवाई गयी है

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1 COMMENT

  1. गरीबों के साथ अन्याय नहीं होहोना चाहिये

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