नीदरलैंड्स में अदालत ने एक 18 वर्षीय पुरुष और उसकी 16 वर्षीय गर्लफ्रेंड को एक स्कूल छात्रा की हत्या के संबंध में दो साल की जेल और तीन साल तक की अनिवार्य मनोचिकित्सा का आदेश सुनाया है.

अदालत के अनुसार ये हत्या फेसबुक पर शुरु हुई एक लड़ाई के बाद हुई थी.

अदालत ने पॉली (18 वर्ष) और वेसली (16 वर्ष) को एक तीसरे बच्चे जिनहुआ (15 वर्ष) को उकसाने का दोषी पाया है.

जिनहुआ को पहले ही 15 वर्षीय जोयस विन्सी की हत्या का दोषी पाया जा चुका है और उसे किशोर सुधार कानून के तहत सबसे अधिक – एक साल की जेल और तीन साल तक मनोचिकित्सा संस्थान में रहने का आदेश सुनाया जा चुका है.

जोयस विन्सी की इस साल जनवरी में आर्नहेम में अपने ही घर में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी.

फेसबुक वॉल पर कॉमेट से अनबन

नीदरलैंड्स में ये मामला फेसबुक मर्डर के नाम से चर्चित है. इसके बाद सोशल मीडिया की हिंसक वारदातों में भूमिका पर खासी बहस छिड़ गई है.

अदालत में चली कार्यवाही के अनुसार किशोरों के बीच ये लड़ाई तब छिड़ी जब स्कूली छात्रों – पॉली और जोयस के बीच अच्छी दोस्ती के बाद तब अनबन हो गई जब जोयस ने पॉली की फेसबुक वॉल पर कुछ कॉमेंट पोस्ट किए.

उधर वारदात को अंजाम देने वाले जिनहुआ ने दलील दी कि पॉली ने उन पर दबाव बनाया और वे उसके आदेशों को नजरअंदाज नहीं कर पाया. उसने उन आरोपों से साफ इनकार किया कि उसे हत्या करने के लिए पैसे दिए गए थे.

विशेषज्ञ का कहना है कि जिनहुआ बिहेवियरल डिसऑर्डर यानी व्यवहार संबंधी विकार और मनोरोग से ग्रस्त था.

सरकारी वकीलों का पक्ष था कि पॉली और वेसली पर किशोरों से संबंधित कानून के अंतरगत नहीं बल्कि वयस्कों के लिए बने कानून के तहत मुकदमा चलना चाहिए लेकिन अदालत इससे सहमत नहीं थी.

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