IMG_0839
देवी मंदिरों में घट स्थापना
उदयपुर। शक्ति उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्रा आज से शुरू हो गया। अब नौ दिनों तक मां शक्ति की उपासना की जाएगी। देवी मंदिर में ज्वारे, कलश और घट स्थापना हो गई हैं। शहर में स्थित प्राचीन देवालयों, शक्तिपीठों में विविध धार्मिक आयोजन शुरू हो गए हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष भी शुरू हो गया है। नवरात्रा पर्व के लिए देवी मदिरों मेंं विशेष तैयारियां की गई है। देवी मंदिरों पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है आज रात से देवी मंदिर जगमगा उठेंगे।
आज हुआ शैलपुत्री का पूजन : प्रजापति राजा दक्ष की कन्या शैल पुत्री के नवरात्रि के प्रथम दिन पूजन करने से सारे कष्टों का निवारण होता है।
बताया जाता है कि शैलपुत्री का वाहन वृषभ है। माता के दाहिने हाथ में शूल और बाएं हाथ में कमल पुष्प है। माता शैलपुत्री के पूजन में लाल वस्त्र, कमल पुष्प केले के फल और मिश्री समॢपत करने से माता प्रसन्न होती है।
शुरू हुए हिन्दू नववर्ष : आज चैत्र नवरात्रा के पहले दिन से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हो गई है।
आज सारे दिन पूजन-अर्चन का दौर चलेगा। नववर्ष मनाने की दृष्टि से लोगों ने आज तमाम मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना के साथ एक-दूसरे को बधाई देकर नववर्ष की शुरुआत की।
चौराहों पर हुआ स्वागत
अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति की तरफ से नव संवत् 2071 के दिन शहर के विभिन्न चौराहों पर प्रात:कालीन वेला में 11 पंडितों द्वारा प्रथम सूर्य को अघ्र्य प्रदान किया गया। साथ ही सूरजपोल चौराहे पर शहनाई के साथ नव संवत्सर का स्वागत किया गया। नव संवत्-2071 के आगमन के अवसर पर नववर्ष समारोह समिति के सदस्यों व आलोक संस्थान के छात्र-छात्राओं ने जनसम्पर्क कर घरों के बाहर पीले चावल रखकर आम नागरिकों को नव संवत्सर कार्यक्रमों में आने का न्योता दिया। डॉ. कुमावत ने बताया कि इस बार ईको फें्रडली कुमकुम विशेष रूप से मंगवाया गया है, जिससे सभी चौराहों पर आलोक संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा वाहन चालकों और शहरवासियों का तिलक लगाकर और मिश्री और नीम की पत्ती का प्रसाद देकर स्वागत किया गया। इस दौरान सभी को नव संवत्सर की शुभकामनाएं दी गई।

Previous articleबजरंग बली द्वार से निकाली २०१ कलश की यात्रा
Next articleमस्जिद और चर्च बचाएगी बीजेपी !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here