उदयपुर, । आरएसएमएमएल वर्तमान में मुख्यत: रॉक फॉस्फेट, स्टील गे्रड लाइमस्टोन, जिप्सम एवं लिग्नाईट खनन की गतिविधियों मे कार्यरत है किन्तु समय की माँग को देखते हुए एवं कम्पनी के व्यवसाय को विस्तृत करने हेतु नये खनिज मे भी कार्य करने के लिए प्रयासरत ह,ै इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम रखते हुए कम्पनी ने ताम्र खनन का मानस बना लिया है।

राजस्थान स्टेट माईन्स एण्ड मिनरल्स लिमिटेड (राजस्थान सरकार का उपक्रम) एवं हिदुस्तान कॉपर लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) के मध्य एक एम.ओ.यू. राजस्थान में ताँबा खनिज भण्डारो के अन्वेषण एवं खनन हेतु संयुक्त उद्यम कम्पनी के गठन के लिए आरएसएमएमएल कॉर्पोरेट ऑफिस, उदयपुर मे गुरूवार को किया गया। अजिताभ शर्मा प्रबन्ध निदेशक आरएसएमएमएल एवं शकील अहमद अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक एच.सी.एल. की ओर से उक्त एम.ओ.यू. हस्ताक्षर कर संपादित किया।

प्रस्तावित संयुक्त उद्यम कम्पनी मे आरएसएमएमएल की ५१: एवं एच.सी.एल. की ४९: हिस्सेदारी रहेगी। आरएसएमएमएल व एच.सी.एल. द्वारा राजस्थान मेे उपलब्ध तांबा खनिज भण्डारों के अन्वेषण एवं खनन के अधिकार प्राप्त करने हेतु पादर की पाल, अमजरा एवं मुन्डीयावास क्षेत्र के ताँबा भण्डारों के पूर्वेक्षण अनुज्ञापत्र प्राप्त करने हेतु प्रयासरत है।

प्रारम्भिक तौर पर उपलब्ध सूचना के आधार पर डुंगरपुर जिले की पादर की पाल, अमजरा क्षेत्र मे १०.९१ लाख टन ताम्र अस्यक, प्रतापगढ जिले की अन्जनी क्षेत्र में १६.१३ लाख टन ताम्र अयस्क एवं अलवर जिले की मुण्डीयावास क्षेत्र में ११० लाख टन ताम्र अयस्क की उपलब्धता है, जिसमे तांबे की मात्रा ०.३०: से १.३०: तक है।

प्रस्तावित एम.ओ.यू मे उपरोक्त तांबा भण्डारो को पूर्वेक्षण एवं खनन हेतु चिन्हित किया गया है, तथा संयुक्त उद्यम कम्पनी के तकनीकी विशेषज्ञो द्वारा यह कार्य सम्पादित किया जाऐगा। इससे प्रचुर मात्रा में तांबा उपलब्ध होने पर देश मे आयातीत ताँबे में कमी लाने मे मदद मिलेगी। इस प्रोजेक्ट के द्वारा राजस्थान सरकार को अच्छा राजस्व मिल सकेगा एवं प्रदेश की जनता को व्यापार एवं रोजगार हेतु नये अवसर पैदा होगे।

 

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