उदयपुर, 1 जनवरी। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगशाला’’ में रविवार शाम नाटक ‘‘रूस्तम सोहराब’’ मंचित किया गया जिसमें दुश्मन की बेटी के साथ सोहराब का इश्क आखिर अमन दे गया।

शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित नाट्य संध्या में जयपुर के रंगकर्मियों ने ऋषिकेश शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘रूस्तम सोहराब’’ का मंचन किया। पारसी रंगमंच शैली पर आधारित इस नाटक में सोहराब डाकुओं द्वारा चुराये घोड़े को लेने के लिये दुश्मन देश में चला जाता है। वहां का शहंशाह उसे शाही मेहमान बना कर उसे घोड़ा वापस दिलाने का वचन देता है किन्तु उसका सिपहसालार सोहराब को दुश्मन मानता है व उसे धोखे से मारना चाहता है।

मगर शहजादी सोहराब के शोर्य से काफी प्रभावित होती है वह उससे मिलने मेहमान खाने जाती है व दोनों में प्रेम होजाता है। इसी प्रेम क ेचनते दो मुकों के बीच युद्ध के से हालात पैदा हो जाते हैं तथा षडयंत्र रचे जाते हैं। आखिर में जीत मोहब्बत की होती है और अमन की बरसात होती है।

पारसी शैली के संवादों में दर्शकों को खूब रास आया वहीं कलाकारों ने अपने सटीक अभिनय से प्रस्तुति को प्रभावी बनाया। प्रस्तुति में मंच संकल्पना ने दृश्यों को प्रभावी बनाया वहीं प्रकाश संयोजन सशक्त भाग रहा। नाटक का गीत संगीत अनुकूल बन सका।

 

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