l_mines-1464444399राजसमंद. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली के निर्णय के मुताबिक अब चार दिन में डेढ़ हजार खदानों को ईसी मिलना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। अब तक ईसी प्राप्त 6 4 खानों के अलावा समस्त खानों में 1 जून से खनन बंद हो जाएगा। इसके साथ ही हजारों मजदूरों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो जाएगा। इसको लेकर मार्बल कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई, मगर समाधान की राह स्पष्ट नहीं हो रही है। एनजीटी व केन्द्र सरकार की सख्ती के चलते इस बार चार दिन बाद समस्त मार्बल, गे्रनाइट एवं क्वार्ट्ज-फेल्सपार की खानों में खनन बंद होना तय है।

ईसी प्राप्त नहीं करने वाली दो हजार मार्बल खदानों को अवैध करार देते हुए खान एवं भू विज्ञान विभाग ने खनन पर रोक में 31 मई तक रियायत दी, मगर इस एक महीने में एक भी खदान को ईसी नहीं मिल पाई। ईसी के आवेदन, जांच व जनसुनवाई की लंबी प्रक्रिया के चलते अब चार दिन में किसी भी खदान को ईसी मिलना संभव ही नहीं है। इसके चलते समस्त खदानों में खनन बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।

एक हजार खदानें पहले से बंद 

उत्पादन घटने, लागत बढऩे या घाटे के चलते खनन बंद है, उन खान मालिकों ने तो 31 मार्च 2016  तक ईसी के लिए आवेदन ही नहीं किया। इस पर एनजीटी ने भी तत्काल प्रभाव से खनन बंद का आदेश जारी कर दिया, मगर इनमें से ज्यादातर खानों में पहले से खनन बंद होने से कोई खास असर नहीं पड़ा। अब अगर समस्त खदानें बंद होगी, तो दस हजार से अधिक मजदूरों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो जाएगा।

ईसी हर खदान के लिए जरूरी है। एनजीटी के निर्णय के तहत बिना ईसी के किसी भी खदान में 1 जून से खनन नहीं किया जा सकेगा। कोई खनन करेगा, तो वह अवैध माना जाएगा और सख्त कार्रवाई की करेंगे। इसके लिए समस्त खान मालिकों को सार्वजनिक नोटिस के जरिये भी चेता दिया और अब प्रत्येक खान मालिक को भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

फैक्ट फाइल 

64 खदानों को ईसी होने से खनन की स्वीकृति   2150 कुल राजसमंद जिले में खनन पट्टे    1033 ईसी के लिए राज्य स्तर पर हुए आवेदन    1117 खाने मंदी या ईसी के अभाव पहले से बंद

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