copyingउदयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से गत चार वर्ष में हुई लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में जोधपुर संभाग से नकल कराए जाने का खुलासा हुआ है। यही नहीं हाल में थानेदारों की भर्ती में बाड़मेर, जालोर व इसके पास के क्षेत्रों से चयनित हुए 42 अभ्यर्थियों के चयन पर भी सवाल उठ गए हैं।

पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि इस भर्ती में भी नकल कराने वाले गिरोह ने अभ्यर्थियों की पूरी मदद की।  आयोग की रविवार को आयोजित कनिष्ठ व तहसील राजस्व लेखाकार प्रतियोगी परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद यह सच सामने आया है।  
आरोपितों से पूछताछ व दस्तावेजों की बरामदगी में चौंकाने वाले तथ्य सामने आने के बाद पुलिस तह तक जांच में जुटी है। पुलिस के अनुसार लेखा परीक्षा का प्रश्नपत्र इलेक्ट्रॉनिक घड़ी से स्केन कर बाहर भेजा गया। यह पेपर पुलिस को बाड़मेर के गुढ़ामलानी से मिला है, जिसकी जांच हो रही है। 
इस परीक्षा में जोधपुर, भीनमाल व गुड़ामलानी से बैठकर गिरोह अलग-अलग केन्द्रों पर उन अभ्यर्थियों को नकल करवा रहा था, जो इनके सम्पर्क में आए थे। गुड़ामलानी  में तो एक फॉर्म हाउस में बैठकर गिरोह के 20 सदस्य एकसाथ नकल कराने का काम कर रहे थे। 
कहा पेपर लीक नहीं 
पुलिस ने समस्त अभ्यर्थियों के रिकॉर्ड व अन्य जानकारी आरपीएससी को भिजवा दी है। आयोग के सचिव नरेशकुमार ठकराल ने बताया कि पुलिस जांच व चालान पेश होने के बाद मामला कमिश्नर के सामने रखा जाएगा। वे अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। ठकराल ने लेखा परीक्षा का पेपर लीक होने से साफ इनकार किया। पेपर अभ्यर्थियों को मिलने से पहले बाजार में नहीं मिला। 
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