अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर चल रहे विवाद के बीच भाजपा अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी इस मामले में अदालत की सुनवाई का इंतज़ार करेगी. शाह ने कहा है कि उनकी पार्टी शीतकालीन सत्र में राम मंदिर निर्माण के लिए कोई बिल या अध्यादेश नहीं लाएगी बल्कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही जनवरी के सुनवाई का इंतज़ार करेगी.

नवभारत टाइम्स के अनुसार, शाह ने भरोसा जताया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर के पक्ष में होगा और उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि ये मामला नौ सालों से क्यों लंबित पड़ा था.

अमित शाह ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता है. वो आगे कहते हैं, ‘यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और हमें इसकी सुनवाई के लिए जनवरी तक इंतजार करना चाहिए. हालांकि यह भी समझना चाहिए कि यह मामला 9 सालों से लंबित है और अभी भी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मांग की थी कि सुनवाई 2019 के चुनावों के बाद होनी चाहिए.’

इंडिया टुडे के अनुसार कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, ‘क्या कपिल सिब्बल बिना राहुल गांधी के इजाज़त के सुनवाई को टालने के लिए याचिका दायर कर रहे हैं.’

शाह ने कहा कि भाजपा आगे सुनवाई का इंतज़ार करेगी, जो 22 जनवरी को होनी है. उन्होंने यह भी कहा, ‘ये अदालत का मामला है, हमारे हाथ में कुछ नहीं है. हमारे हाथ में होता तो मंदिर पहले ही बन गया होता.’

रविवार को अयोध्या में धर्मसभा कर हिंदू संगठनों और संतों ने सरकार को मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है.

मालूम हो कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ अयोध्या पहुंचे. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने मंदिर निर्माण का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया.

अयोध्या में लगे शिवसेना के पोस्टर बैनर में कहा गया है, ‘पहले मंदिर फिर सरकार.’

Previous articleसाढ़े 4 घंटे में खत्म हो गईं 4 जिंदगियां, पहले पत्नी की मौत, फिर चंद घंटे पहले पैदा हुए जुडवां बच्चों ने तोड़ा दम, आखिर में पति की भी थम गईं सांसे
Next articleअमित शाह का रोड शो – क्या गुलाबचंद कटारिया अपनी सीट पर असुरक्षित है ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here