उदयपुर लेकसिटी में शुक्रवार दोपहर 12 से चार बजे के बीच 18 से 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चली। सड़कों पर सूखे पत्तों के साथ धूल के गुबार और झीलों में थपेड़े उठते रहे। फतहसागर में लहरों से अनियंत्रित होती बोट बीचोंबीच रोकनी पड़ी। इसमें सवार पश्चिम बंगाल के सात पर्यटकों की जान करीब 15 मिनट तक सांसत में रही। बंद बोट लहरों के साथ हिचकोले खाते हुए सौर वेधशाला से किनारे तक आ गई। पाल पर उतरने के साथ पर्यटकों ने राहत की सांस ली।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सौर वेधशाला के पास नाव बंद नजर आई। ड्राइवर ने जेटी पर फोन कर रेस्क्यू टीम बुलाई। यह बोट वेधशाला के पास पहुंचती, तब तक बंद नाव लहरों के साथ बहते हुए पाल की दूसरी छतरी तक आ गई। थपेड़े इतने तेज थे कि रेस्क्यू टीम के सदस्य भी पर्यटकों की नाव को काबू नहीं कर पाए। पाल पर पहुंचने के बाद भी पानी में तेज हलचल के कारण पर्यटक आसानी से नहीं उतर पाए। यह देख कुछ लोग दौड़ पड़े। इन्होंने नाव के शेड (छत) को ताकत के साथ पकड़े रखा और एक-एक कर यात्रियों को निकाला। हवा के कारण यह शेड बोर्ड भी उखड़कर पाल पर आ गिरा। पर्यटकों के पाल पर उतरने के बाद रेस्क्यू नावों से बांधकर बंद नाव को जेटी तक पहुंचा दिया।
फागुनी आहट, अगले दो-तीन दिन तेज हवा चलने के आसार
बसंत पंचमी के बाद मौसम में बदलाव के कारण तेज हवा चली। गुरुनानक गल्र्स कॉलेज के प्रो. एन.एस.राठौड़ ने बताया कि दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। इस कारण हवाओं के रुख में बदलाव हुआ है। ये हालात अगले दो-तीन दिन तक रहने के आसार हैं। हालांकि इसी माह में सर्दी का हल्का असर फिर से महसूस हो सकता है। डबोक स्थित मौसम विभाग कार्यालय के अनुसार शुक्रवार को हवा की रफ्तार 20 किमी प्रति घंटा रही। दिन के तापमान में गिरावट और रात में बढ़त आई है। अधिकतम तापमान 28.4 और न्यूनतम 16.2 डिग्री दर्ज किया गया। एक दिन पहले यह क्रमश: 30 और 12.2 डिग्री था।

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