शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के निधन के बाद ‘मुंबई बंद’ की फेसबुक पर आलोचना करने वाली एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस का कहना है कि इस महिला की पोस्ट को ‘लाइक’ करने वाली उनकी एक दोस्त को भी गिरफ्तार किया गया है.

महिला पर ‘धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ का आरोप लगा है. बाद में उन्हें अदालत में पेश करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया.

उत्तरी मुंबई के पालघर के इंस्पेक्टर श्रीकांत पिंगले ने बीबीसी से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है.

इंस्पेक्टर पिंगले ने बताया कि इन दोनों लड़कियों को आईपीसी की धारा 505 और आईटी एक्ट की धारा 66 ए के अंतर्गत गिरफ़्तार किया गया था.

शनिवार को ठाकरे का निधन हो गया और रविवार को उनके अंतिम संस्कार में जनसैलाब उमड़ा. इस दौरान मुंबई बंद रही.

वैसे शनिवार को जैसे ही ठाकरे के निधन की खबर आई तो व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद होने लगे और टैक्सियां सड़कों से गायब होने लगी. माना जाता है कि शिवसेना समर्थकों की ओर से हिंसा किए जाने की आशंकाओं को देखते हुए ऐसा हुआ.

बंद पर नाराजगी

मुंबई के अनाचक थम जाने से बहुत से लोगों को आने-जाने में समस्याएं हुई और कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला.

लेकिन इस मामले में गिरफ्तार की गई 21 वर्षीय महिला ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, “ठाकरे जैसे लोग रोज पैदा होते हैं और मरते हैं और इसके लिए बंद नहीं होना चाहिए.”

हाल के महीनों में पुलिस ने फेसबुक और ट्विटर पर ‘आपत्तिजनक’ पोस्ट डालने के लिए कई लोगों को गिरफ्तार किया है.

पिछले महीने पॉन्डिचेरी में पुलिस ने एक 46 वर्षीय कारोबारी रवि श्रीनिवासन को गिरफ्तार किया क्योंकि उन्होंने अपने ट्वीट में भारतीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की आलोचना की.

सिंतबर में कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को मुंबई में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

इससे पहले अप्रैल में पश्चिम बंगाल में एक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करने वाले कार्टून अपने दोस्तों को ईमेल किए.

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