IMG_0582उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान के लियो का गुड़ा स्थित क्रअपना घरञ्ज मंदबुद्धि विद्यालय के दो अपचारी छात्रों को बीती रात हाथीधरा गांव में ग्रामीणों ने पकड़ लिया। पूछताछ में इन अपचारियों ने ग्रामीणों को बताया कि मंदबुद्धि विद्यालय में ५०-६० बच्चों का गिरोह है, जो चोरियों मेंं सक्रिय है और उनका सरगना संस्थान का एम्बुलेंस ड्राइवर लक्ष्मण है। ग्रामीणों ने रात को एक बजे इन बच्चों को पकड़कर एक विद्युत पोल से बांध दिया और पिटाई की। रातभर दोनों बच्चों को बांधे रखा। आज सुबह बच्चों को हिरासत में लेने पहुंची पुलिस को भी ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि नारायण सेवा संस्थान के कई कर्मचारी कई प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त है, जिससे आसपास के गांवों का माहौल बिगड़ा हुआ है। ग्रामीणों और पुलिस के सामने इन अपचारियों ने दस दिन पूर्व हाथीधरा स्थित विश्वकर्मा मंदिर में चोरी करने की वारदात कबूली है। पुलिस ने दोनों अपचारियों को हिरासत में ले लिया है, जबकि एम्बुलेंस ड्राइवर लक्ष्मण सहित तीन अपचारी बालकों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने ग्रामीणों की तरफ से रिपोर्ट दर्जकर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार बीती रात एक बजे हींता (भींडर) निवासी अपचारी बालक और बांदीकुईं (कोटा) निवासी एक मंदबुद्धि अपचारी को ग्रामीणों ने हाथीधरा गांव में संदिग्ध हालत में घूमते हुए गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में ग्रामीणों को इन अपचारियों ने बताया कि वह चोरी करने के लिए गांव में घुसे थे और दस दिन पूर्व विश्वकर्मा मंदिर में हुई चोरी को भी इन अपचारियों ने कबूल लिया। इन्होंने यह भी बताया कि उनके साथ तीन और भी अपचारी थे, जो भाग गए।

ग्रामीणों ने रात एक बजे इन अपचारी बालकों को पकड़कर हाथीधरा गांव में चौराहे पर स्थित विद्युत पोल से बांध दिया और रातभर पिटाई की। सुबह नारायण सेवा संस्थान के लियो का गुड़ा स्थित वल्डर वल्र्ड का सिक्यूरिटी इंचार्ज इंद्रसिंह हाथीधरा गांव में पहुंचा, जहां ग्रामीणों ने उसके साथ भी हाथापाई की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने इंद्रसिंह को ग्रामीणों से बचाया। इस दौरान पुलिस जब अपचारियों को हिरासत में ले रही थी, तो ग्रामीणों ने विरोध किया। ग्रामीण इस बात को लेकर अड़ गए कि संस्थान के संस्थापक कैलाश मानव या निदेशक प्रशांत अग्रवाल मौके पर आएंगे, तभी बच्चों को छोड़ा जाएगा। इस दौरान पुलिस ने सख्ती बरत कर बच्चों को हिरासत में ले लिया। इस संबंध में सस्थान के जनक कैलाश मानव और निदेशक प्रशांत अग्रवाल से संपर्क किया गया, लेकिन दोनों के मोबाइल नो रिप्लाई आए। इससे पूर्व कैलाश मानव और प्रशांत अग्रवाल के खिलाफ ग्रामीणों ने हॉय-हॉय के नारे भी लगाए।

 

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